जोहान्सबर्ग। हाल ही खोजे गए मानव जाति के पूर्वज ‘होमो नलेदी’ के बारे में नए जानकारी उजागर हुई है। हमारे पूर्वज हरफनमौला थे।
वे पेड़ पर चढ़ने के साथ-साथ सीधे चलने में भी सक्षम थे और साथ ही उपकरणों को हाथ में पकड़ कर काम भी कर सकते थे।
होमो नलेदी के हाथ-पैर की बनावट और कार्य के बारे में किए गए दो अध्ययनों से ये संकेत मिलते हैं कि वे विशेष तौर पर पेड़ पर चढ़ने और सामान्य तरीके से चलने के साथ-साथ अपने शरीर को मोड़ पाने में भी सक्षम थे।
दक्षिण अफ्रीका में विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय से जुड़े अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने यह अनुसंधान किया। इस अभियान दल ने 2013 से अब तक राइजिंग स्टार गुफाओं से 1550 अवशेषों को बाहर निकाला है। ये गुफाएं वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हैं।
सीधे चलने के लिए बने थे पैर
इन अध्ययनों में से एक के प्रमुख लेखक विलियम हारकोर्ट स्मिथ और उनके सहकर्मियों ने कहा है कि एच नलेदी का पैर 107 हड्डियों पर आधारित है। उन्होंने दिखाया है कि एच नलेदी के पैर की बनावट बहुत हद तक आज के इंसानों के पैर की बनावट से मिलती है।
इससे यह संकेत मिलता है कि वे दो पैरों पर खड़े होने और चलने के लिए अच्छी तरह अनुकूलित थे। बहरहाल, लेखकों ने इस बात का जिक्र किया है कि पैर के अंगुठों की घुमाव में अंतर है।
मजबूत पकड़ के लिए हाथ
दूसरे अध्ययन के प्रमुख लेखक ट्रेसे किवेल और उनके सहकर्मियों ने बताया है कि एच नलेदी के हाथ 150 हड्डियों पर आधारित हैं।
नलेदी के हाथ अनूठे शरीर रचना विज्ञान के संयोजन को दिखा रहा है, जो आज तक के किसी भी इंसानी जीवाश्म में नहीं देखा गया।
हाथों की संरचना से प्रतीत होता है कि खास तौर पर पेड़ों की शाखाओं और पत्थर के औजारों को पकड़ने के लिए काम में लिए जाते रहे होंगे।