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यादें शेष : विज्ञापन से लेकर फिल्मों तक में विद्या सिन्हा ने छोड़ी अमित छाप

 

मुंबई। बॉलीवुड में विद्या सिन्हा को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाएगा जिन्होंने रूमानी अभिनय से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाई।

पन्द्रह नवंबर 1947 को मुंबई में जन्मी विद्या सिन्हा के पिता राणा प्रताप सिंह फिल्म निर्माता थे। वर्ष 1968 में विद्या सिन्हा ने ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लिया और मिस मुंबई चुनी गईं। इसके बाद विद्या सिन्हा ने ‘कॉलगेट’, और ‘लिप्टन टी’ जैसे कई विज्ञापन फिल्मों में काम किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक बासु चटर्जी से हुई जिन्होंने उन्हें फिल्म ‘रजनीगंधा’ में काम करने का अवसर दिया।

वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म रजनीगंधा में विद्या सिल्हा के अपोजिट अमोल पालेकर थे। फिल्म में विद्या ने आम मिडिल-क्लास, पढ़ी-लिखी औऱ करियर ओरिएंटेड लड़की का किरदार निभाया और दर्शकों का दिल जीत लिया। विद्या की सबसे पहली फिल्म ‘राजा काका’ थी और उस फिल्म के लिए उन्हें 10 हजार रुपए मिले थे।

फिल्म में विद्या के अपोजिट किरण कुमार थे लेकिन ये फिल्म ‘रजनीगंधा’ के बाद रिलीज हुई। फिल्म रजनीगंधा के बाद विद्या सिन्हा ने छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, पति पत्नी औऱ वो, इंकार और स्वयंवर जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

विद्या सिन्हा ने अपने करियर के दौरान लगभग 30 फिल्मों में काम किया। उनकी जोड़ी अमोल पालेकर के साथ काफी पसंद की गई। विद्या ने सीधी-सादी और चुलबुली लड़की के अलावा बोल्ड और निगेटिव रोल्स भी किए लेकिन, बाद में विद्या की इमेज के किरदारों की मांग जैसे बॉलीवुड से ख़त्म होती गई और फिर विद्या ने चुपचाप एक्टिंग से किनारा कर लिया।

विद्या सिन्हा की ज़िंदगी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि दिग्गज अभिनेता और निर्माता निर्देशक राज कपूर अपनी फ़िल्म सत्यम शिवम सुंदरम में विद्या को लेना चाहते थे लेकिन, विद्या ने राज कपूर को इस फ़िल्म में मौजूद दृश्यों के चलते न बोल दिया था। उस ज़माने में राजकपूर को मना करना अपने आप में एक बड़ी बात थी।

विद्या ने एक बार कहा था कि मैंने राज कपूर जी को मना किया और इसका मलाल मुझे आज भी है लेकिन, मैं उन कपड़ों में कंफ़र्टेबल नहीं थी जो जीनत ने उस फ़िल्म में पहने थे। राज कपूर के साथ काम करना हर हीरोइन का सपना होता है, लेकिन मैंने सत्यम शिवम सुंदरम करने से मना कर दिया। मुझे आज भी राज जी (राज कपूर) के साथ काम न कर पाने का अफसोस है।

विद्या सिन्हा फ़िल्मों में आने से पहले ही साल 1968 में शादी कर चुकी थीं। उन्हें अपने एक पड़ोसी वेंकटेश्वरन अय्यर से प्यार हुआ और फिर शादी भी हो गई। दोनों की कोई संतान नहीं थी तो इस जोड़ी ने साल 1989 में एक बच्ची को गोद ले लिया। साल 1996 में विद्या के पति का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

वर्ष 2001 में विद्या ने ऑस्ट्रेलिया के एक भारतीय मूल के डॉक्टर भीमराव सालुंके से दूसरी शादी की लेकिन, इस शादी ने उन्हें बहुत जख्म दिए। पति की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने तलाक ले लिया।

वर्ष 2011 में विद्या आस्ट्रेलिया से भारत लौटीं। बेटी के कहने पर विद्या ने दोबारा से एक्टिंग शुरू की। विद्या सिन्हा ने फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ से कमबैक किया। विद्या सिन्हा ‘काव्यांजलि’ ‘कबूल है’ और ‘कुल्फी कुमार बाजेवाला’ जैसे पॉपुलर टीवी सीरियलों में भी दिखाई दीं।

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