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अखिलेश ने योगी को दी ‘जैसे को तैसा’ वाली स्टाइल में चेतावनी

लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज जाने से रोके जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुये मंगलवार को कहा कि तानाशाही रवैये पर उतारू उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता होना चाहिये कि उनके (अखिलेश) साथ किये गये दुर्व्यवहार की पुनरावृत्ति पर भविष्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ भी हो सकती है।

यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हे पुलिस के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर जहाज में चढ़ने से रोका जब वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष उदय यादव के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे जहां उन्हे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि के साथ भोजन पर भी आंमत्रित किया गया था।

उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय जाने के लिये उन्होने संबधित जिला प्रशासन को पहली बार 27 दिसम्बर 2018 और फिर दो फरवरी को अपना कार्यक्रम भेजा था ताकि उन्हे तैयारी का समय मिल सके। इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी पत्राचार से उन्होने साफ इंकार कर दिया।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि हवाई अड्डे में पुलिस का प्रवेश निषेध होता है। एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष एजेंसी के पास होती है। इसके बावजूद पुलिस के अधिकारियों ने उन्हे हवाई अड्डा परिसर के भीतर रोका। इससे पहले कल रात एलआईयू और पुलिस के अधिकारियों ने उनके बंगले की रेकी की जबकि आज सुबह साढे छह बजे तीन अधिकारियों को उनके बंगले के पास बैठा दिया गया।

हवाई अड्डे पर उनके साथ हुयी अभद्रता के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे पर एक अदने से पुलिस अधिकारी ने उनको रोका, वह इस कदर दवाब में था कि उसे पता नही था कि वह किसे रोक रहा है।

उन्होने कहा “ प्रदेश के सन्यासी मुख्यमंत्री सदन के भीतर और बाहर ‘ठोको नीति’ की बात करते हैं। उन्हे अगर कोई शख्स या बात पसंद नहीं आती है तो वह तानाशाही तरीके से उसे रोकने का प्रयास करते है। उन्हे पता होना चाहिये कि आज जो वह कर रहे हैं, भविष्य में इस तरह का व्यवहार उनके साथ भी हो सकता है। ”

यादव ने कहा “ सरकार का तर्क है कि मेरे इलाहाबाद जाने से वहां की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती थी। मेरे राजनैतिक जीवन में मुझ पर एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर आपराधिक वारदातों की तख्तियाें की कमी नहीं है। ”

प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने योगी और मौर्य की फोटो और मुकदमो की तख्तियां लहराते हुये श्री यादव ने कहा कि यह सिर्फ एक नमूना है। वास्तव में भाजपा सरकार में अापराधिक छवि वाले नेताओं की भरमार है। उन्होने कहा कि श्री योगी प्रदेश के पहले एेसे मुख्यमंत्री होेंगे जिन्होने सत्ता संभालने के बाद खुद पर लगी धारायें वापस ली होंगी।

उन्होने कहा कि दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में भाजपा को अपने उम्मीदवार की जीत की आशा थी लेकिन वहां सपा की विचारधारा वाले प्रत्याशी जीते जिससे बौखलायी सरकार ने विजयी प्रत्याशियों के मंच के करीब तीन धमाके कराये। छात्रसंघ के अध्यक्ष उदय यादव के कमरे में आग लगा दी गयी। ऐसा पहली बार हुआ जब कानून व्यवस्था का जिम्मा लेने वाली सरकार ने बौखलाहट में आपराधिक वारदात को अंजाम दिया।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूरब का आक्सफोर्ड की संज्ञा से नवाजा जाता है। इस विवि ने समाजवादी जनेश्वर मिश्र समेत देश को कई नामी गिरामी राजनीतिज्ञ दिये है। उस संस्था में राजनीतिक हस्ती के प्रवेश को रोका जाना हास्यास्पद है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि सरकार छात्रों से डर गयी है। उसके पास अब कुछ नहीं बचा है। इस सरकार ने नौजवानो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। बेरोजगारों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब भाजपा का खेल खत्म हो चुका है। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को सबक सिखाने के लिये जनता तैयार है।

यादव ने कहा “ योगी सरकार के दिलाेदिमाग में गंदगी समायी हुयी है। मेरे सरकारी आवास खाली करने के बाद उस मकान को गंगाजल से धुलवाया गया। सपा बसपा की दोस्ती को सांप छछूंदर की संज्ञा दी गयी। उनके शासनकाल में शुरू हुयी एक्सप्रेस वे जैसी कई परियोजनाओं को इस सरकार ने अपना नाम दिया। ”

उन्होने कहा कि सपा बसपा के बीच सीटों के बंटवारे के बारे में भी भाजपा दुष्प्रचार कर रही है मगर सच यह है कि दोनो ही दलों ने अपने हिस्से की 40-40 सीटें लोकतंत्र की रक्षा के लिये छोड़ी है। कांग्रेस के साथ महागठबंधन की संभावना पर बोलने से बचते हुये श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिये सपा बसपा गठबंधन ने दो सीटे पहले ही छोड़ रखी हैं।

आक्रोशित सपा समर्थकाे से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लेते। वह अपनी बात बिना हिंसा के जोरदार तरीके से उठाने का माद्दा रखते है।

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