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आज देश के हिन्दू कूपमंडूक बन गए, जागना ही होगा

रामनाथी (गोवा)। संत, ऋषि, वेद, पुराण तथा भगवान शिवजी के संकल्प से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना निश्‍चित होगी। आज कालानुसार हमारी संस्कृति परिवर्तित हो रही है, तब भी उसमें वैदिक तत्त्व है और वेदों में क्षात्रतेज भी है। आज अन्य पंथीय उनके धर्म पर आस्था रखते हैं परंतु हिन्दू स्वधर्म पालन नहीं करते।

ये बात श्रीलालेश्‍वर महादेव मंदिर बीकानेर के महंत स्वामी सोमगिरिजी महाराज ने रामनाथी के श्रीरामनाथ देवस्थान के श्रीविद्याधिराज सभागृह में आयोजित सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए क्षात्रतेज की उपासना की आवश्यकता इस विषय पर संबोधन में कही।

उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुआें से चिंतन और आत्ममंथन होकर उनमें बौद्धिक सुस्पष्टता आनी चाहिए। इसके लिए धर्म की अवधारणा स्पष्ट होना आवश्यक है। आज देश के हिन्दू कूपमंडूक बन गए हैं। दूसरी ओर महिलाआें पर अत्याचार हो रहे हैं। वर्तमान में चारों दिशाआें में आग लगी है। महिलाआें को झांसी की रानी की भांति सक्रिय होकर आगे आना चाहिए। देश में भीतर और बाहर से आक्रमण हो रहे हैं।

अपने साथ समाज का क्षात्रतेज भी अध्यात्म द्वारा जागृत होना चाहिए। इसके लिए हिन्दुआें को कर्तापन त्यागकर अधर्म के विरुद्ध कार्य करना चाहिए। हमें महिलाआें के साथ आगे आकर दोषों का निवारण करते हुए एकत्र कार्य करना चाहिए। इस प्रकार स्वयं में अग्नि जागृत कर कार्य करने से अंधःकार नष्ट हो सकता है। हिन्दुआें के ब्राह्मतेज के साथ क्षात्रतेज जागृत करने से भारत सहित पूरे विश्‍व में सर्वत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी।

 

बहुसंख्यकों को सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण मिले : पिंगळे

भारत में बहुसंख्यक समुदाय के शीर्षस्थ नेताआें को एकत्र आने में कानूनन प्रतिबंध है क्या? इसका उत्तर नहीं होते हुए भी प्रश्‍न क्यों निर्माण होते हैं? इसका एकमात्र कारण है, भारत में बहुसंख्यकों को सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण नहीं है। इसलिए आज कोई भी उठता है और हिन्दुआें को अपराधी ठहराने का प्रयास करता है। यह बात हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कही। उन्होंने कहा कि विश्‍व के सभी देशों में उनके संविधान द्वारा वहां के बहुसंख्यकों का धर्म, संस्कृति, भाषा एवं हित को संरक्षण दिया गया है।

7th akhil bharatiya hindu adhiveshan at ramnathi in goa

केवल भारत ऐसा एकमात्र देश है कि जहां बहुसंख्यक हिन्दू होते हुए भी उन्हें संविधान द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया गया है। इसके विपरीत भारतीय संविधान ने अल्पसंख्यको के पंथ, संस्कृति, भाषा और हित को रक्षा प्रदान की है। यह संविधान के समता के तत्त्व के (अर्थात लॉ ऑफ इक्वॅलिटी के) विरुद्ध है। भारत में बहुसंख्यक हिन्दुआें को धर्म, संस्कृति, भाषा एवं हित को संवैधानिक संरक्षण मिले, इसके लिए ही हिन्दू संगठनों का यह अधिवेशन है।

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