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आस्था और विश्वास की कहानी है हिंदी फिल्म ‘ जय छठी माँ ‘

मुंबई। शाईनिंग स्क्रीन्स के बैनर तले रुचि गुप्ता और रजनी गंजु द्वारा निर्मित धार्मिक फिल्म–‘जय छठी माँ’ में निर्देशक मुरारी सिन्हा उर्फ साहिल सिन्हा ने डिजिटल युग मे उपलब्ध हर आवश्यक आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया है। यह फिल्म छठी माँ की महिमा बयां करती यह रोमांचक सामाजिक व धार्मिक फिल्म के मायनों में विशिष्ट है।

फ़िल्म पत्रकार काली दास पाण्डेय ने न्यूज नजर को बताया कि सुल्तानगंज (बिहार) के मुरारी उर्फ साहिल सिन्हा टी.एन. बी. कॉलेज भागलपुर से बी.ए.करने के बाद एम.बी.ए. करने दिल्ली गये। उसके बाद वह रंगमंच से जुड़े रहे । फिर मुंबई आकर विज्ञापन फिल्में की। अब बड़े पर्दे पर ‘जय छठी माँ’ लेकर आ रहे हैं ।

बकौल निर्देशक मुरारी उर्फ साहिल सिन्हा– सामान्यतः हम धार्मिक फिल्मों में चमत्कार की चर्चा सुनते हैं, चमत्कारिक दृश्य देखने को मिलता है।परंतु इस फिल्म में अतीत को वर्तमान से जोड़ते हुए एक संदेशपरक फैमिली ड्रामा को कथावस्तु का आधार बनाया गया है।

छठी माँ की पूजा अर्चना की कथा सभी लोग द्वापर युग में द्रौपदी द्वारा आरंभ किये गये अनुष्ठान के रूप में जानते हैं। त्रेता युग में माता सीता ने भी छठ पूजा की थी, इसकी भी चर्चा है किन्तु छठी मां की मूल कहानी संभवतः किसी ने नहीं दिखाई है । बिहार व सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ मुसलमान परिवार भी छठ पूजा करते हैं। उनकी श्रद्धा भक्ति भावना भी इस फिल्म में दिखायी गयी है ।
इस फिल्म के मुख्य कलाकार –रविकिशन, गुरलीन चोपड़ा, प्रीति झांगियानी, शीतल काले, निशा सिंह, राहुल जैन, मोनिका मिश्रा, सुधीर चौधरी, आई.पी.सहानी आदि हैं।

फिल्म में छठी मां की आरती अरविन्द प्रसाद ने और शेष गीत अमिताभ रंजन ने लिखे हैं जिसे संगीतकार नयन मणि वर्मन , दुश्यंत कुमार व संजय कुमार ने अपने मधुर संगीत से सजाया है ।फिल्म के कला निर्देशक वरुण कुमार, नृत्य निर्देशक संंजीव शर्मा, कैमरामैन पिंटू कुमार हैं ।

 

 

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