Breaking News
Home / breaking / घर के नल में करंट : बच्ची को बचाने के प्रयास में पिता-पुत्र की मौत

घर के नल में करंट : बच्ची को बचाने के प्रयास में पिता-पुत्र की मौत

पीलीभीत। धनकुना गांव में दर्दनाक हादसा हो गया। गांव के एक घर में लगी मोटर को स्टार्ट करने पर पास में लगे नल में करंट उतर आया। इससे सात साल की बच्ची चपेट में आ गई। उसे बचाने आया भाई भी चपेट में आ गया। पिता दोनों बच्चों को बचाने पहुंचे तो वह भी चिपक गए। हादसे में बच्ची तो बच गई, लेकिन पिता-पुत्र की मौत हो गई।

धनकुना निवासी उमाकांत मिश्रा की बेटी सृष्टि सुबह नल पर कुछ काम कर रही थी। जैसे ही उसने पास में लगी मोटर चालू की नल में करंट उतर आया। करंट लगते ही सृष्टि चिल्लाई तो उसे बचाने के लिए भाई विशाल (17) पहुंचा। वह भी करंट की चपेट में आ गया। हालांकि उसके धक्के से बहन बच गई। उमाकांत ने जब बेटे विशाल को चिपका देखा तो बचाने के लिए दौड़ पड़े। वह भी करंट की चपेट में आ गए।
करंट का झटका लगने के बाद वह दूर जा गिरे। घटना के दौरान घर में चीख पुकार मच गई। सप्लाई बंद कर उन्हें छुड़ाया गया। इसके बाद एंबुलेंस से पिता-पुत्र को जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। न्यूरिया पुलिस ने दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे।

 

समय से पहुंचती एंबुलेंस तो बच जाती जान

परिवार वालों का आरोप है कि जब उन्होंने एंबुलेंस को फोन किया तो नंबर ही नहीं लगा। इसके बाद जब नंबर लगा तो कम से कम डेढ़ घंटे के बाद एंबुलेंस पहुंची। अगर समय से वाहन मिल जाता तो पिता-पुत्र जान बच जाती।

स्कूल चला गया होता विशाल तो बच जाती जान

जिला अस्पताल में बेटे और पति के खोने का दर्द सुधा की भीगी आंखें बयां कर रही थीं। वह रो-रोकर सिर्फ इतना ही कह रही थी कि दोनों में से भगवान किसी एक को तो उसके पास छोड़ देता। उसका बेटा सुबह बारिश होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाया। अगर वो स्कूल चला गया होता तो उसकी जान बच जाती।

विशाल शहर के एक कॉलेज से आईटीआई कर रहा था। मृतक की पत्नी के पास जीने के लिए सिर्फ चार साल का बेटा धैर्य और उसकी पुत्री सृष्टि ही रह गई है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है। पति परचून की दुकान चलाकर जैसे तैसे परिवार का भरण पोषण करता था। पति की मौत के बाद घर चलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं।

Check Also

सर्वसम्मति से मौसर-गंगा प्रसादी पर पाबंदी का निर्णय

अजमेर। शिक्षा और सामाजिक जागरूकता बढ़ने के साथ ही कई समाज अब कुरीतियों से किनारा …