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दोस्त की पत्नी को लिया उधार, लौटने की बात आई तो मुकरा

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश मे मुरादाबाद के भोजपुर नगर पंचायत चेयरमैन को वापस पहले पति के पास जाना पडेगा। दोस्त की पत्नी को चुनाव लडऩे के नाम पर उधार लेकर फिर मुकर जाने वाले को न्यायालय ने विवाहिता से जबरन निकाह करने का दोषी ठहराते हुए कथित पति समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। कुंडा पुलिस जांच के बाद मामला दर्ज कर अदालत को रिपोर्ट देनी होगी।

भोजपुर नगर पंचायत चैयरमैन रहमत जहां मामले में सोमवार को उत्तराखंड के जसपुर सिविल न्यायालय ने रहमत जहां के पहले पति नसीम अहमद के दावे को सही माना है। न्यायालय ने पुलिस को दूसरे पति शफी अहमद पर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

बीती 19 मई को ग्राम बाबरखेड़ा निवासी नसीम अहमद ने अपने अधिवक्ता मनुज चौधरी के जरिये न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया था। नसीम ने अपने दोस्त भोजपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद उर्फ बाबू पर अपनी पत्नी रहमतजहां (भोजपुर नगर पंचायत की मौजूदा अध्यक्ष) को जबरन रखकर निकाह करने का आरोप लगाया था। पत्नी को शफी के चंगुल से मुक्त कराकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अपील की थी।

सुनवाई के बाद जसपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद की अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 13 अगस्त की तिथि तय की थी। नसीम के अधिवक्ता मनुज चौधरी ने बताया कि कोर्ट ने नसीम का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर कुंडा थाना पुलिस को चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना कर जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।

नसीम अहमद ने अदालत को दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि बीती सात नवंबर की रात को मो. शफी अहमद उर्फ बाबू, उसका भाई जिले हसन पुत्र मियां जान, उसके रिश्तेदार नईम चौधरी पुत्र मसीतुल्ला, मतलूब पुत्र मकसूद निवासी ग्राम भोजपुर जिला मुरादाबाद हथियारों के बल पर उसे और पत्नी रहमतजहां को ले गए। आरोपियों ने पत्नी को चुनाव लडाने तक दोस्ती के उधार लेकर आठ दस दिन बाद वापस करने का वादा किया था मगर अभी तक नहीं लौटाया है।

बाबरखेड़ा निवासी नसीम ने बताया कि रहमत उसकी पत्नी है। उसने 20 अप्रेल 2006 को उससे निकाह किया था। उसने अभी तक रहमत को तलाक नहीं दिया है। उसने अदालत से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश को अपनी पहली जीत बताया है।

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