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धर्मांतरण मामले में मौलाना के तीन साथी अरेस्ट, खातों में मिले 20 करोड़

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अवैध धर्मांतरण मामले में मेरठ से गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी के तीन और साथियों को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया है।

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून एवं व्यवस्थ, प्रशांत कुमार ने रविवार को बताया कि एटीएस ने मुजफ्फरनगर के फुलत निवासी मोहम्मद इदरीस कुरैशी व मोहम्मद सलीम के अलावा नासिक निवासी कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया।

उन्होंने बताया 21 सितम्बर एटीएस की टीम ने मेरठ से गिरफ्तार किए मौलाना कलीम सिद्दीकी को पूछताछ के लिए 10 दिन की पुलिस रिमांड पर ले रखा है। कलीम सिद्दीकी से हुई पूछताछ के बाद उसके तीन साथियों को आज गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि से पूछताछ में कलीम से कई अहम जानकारी मिली है।

पूछताछ पर जानकारी हुई कि संस्था जमीयते इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया ट्रस्ट से जुड़े खातों में 20 करोड़ रुपए आए हैं। इसमें से बड़ी राशि कलीम ने अपने साथ धर्मांतरण का काम करने वालों को भेजा है। जो पैसे ट्रस्ट के खातों में आए उसके आने का स्रोत कलीम नहीं बता सका।

कुमार ने बताया कि पूछताछ पर कलीम ने बताया कि उसने उम्मत को बढ़ाने की जिम्मेदारी को अपना फर्ज बनाया। पूछताछ में यह भी बताया है कि धर्म परिवर्तन कराने पर विदेशों में बैठे सहयोगियों को वह अवगत करा देता है। जिसके बदले उसे मोटा पैसा मिलता है। कलीम ने यह भी बताया कि जहां भी धर्मांतरण किया जाता है वहां उसके सहयोग के लिए हाफिज इदरीस, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ साथ-साथ रहते हैं।

 

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार सलीम 17 साल से और इदरीस 20 साल से कलीम के साथ है ये दोनों धर्मांतरण के लिए लोगों से संपर्क करते थे और इस्लाम धर्म में शामिल होने की दावत देते थे। इदरीस कलीम की ट्रस्ट जमीअतुल इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया के लिए फंड जुटाने का काम करता था। वह कलीम द्वारा संचालित मदरसे में भी सक्रिय भूमिका अदा करता था। यहां धर्मांतरण के लिए महत्वपूर्ण चरण तरबियत को अंजाम दिया जाता था।

कुमार ने बताया कि गिरफ्तार कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ ने बताया कि उसने रूस में रहकर मेडिकल की पढ़ाई के दौरान इस्लाम धर्म कुबूल किया था। उसे भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए एमसीआई की परीक्षा पास करना जरूरी था, जो पास नहीं कर सका। इसके बावजूद वह नासिक में अवैध तरीके से मेडिकल क्लीनिक चलाता था।

कुणाल को एमसीआई की परीक्षा पास कराने के प्रलोभन कलीम सिद्दीकी ने दिया था,जिसके कारण वह कलीम सिद्दीकी से जुड़ा था। पिछले दो साल से वह कलीम सिद्दीकी के साथ रहते हुए भी अवैध रूप से मेडिकल प्रैक्टिस करता था और प्रैक्टिस के साथ मरीजों पर इस्लाम धर्म कुबूल करने की दावत देने का काम भी करता था।

उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए मिली फंडिंग से इदरीस ने मुजफ्फरनगर के रिहायशी इलाके में 60 लाख रुपए का मकान बनवाया है। यह मकान पिछले तीन माह के भीतर ही बनवाया गया है। इसके अलावा इदरीस ने ढाई लाख रुपए की कीमत की एक मोटर साइकिल भी खरीदी है। इन संपत्तियों के लिए पैसा कहां से आया इसका जवाब इदरीस नहीं दे सका। कलीम सिद्दीकी और इदरीस कुरैशी की नई दिल्ली और मुजफ्फरनगर में संपत्ति होने के जानकारी मिली है, जिनके सुबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।

कुमार ने बताया कि एटीएस के अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब तक की विवेचना के दौरान यह जानकारी मिली है कि कलीम सिद्दीकी एक ओर जहां सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रम की आड़ में तरह-तरह की लालच देकर अवैध धर्मांतरण का सिंडिकेट संचालित कर रहा था वहीं दूसरी तरफ इस सिंडीकेट द्वारा कराए जा रहे धर्मांतरण के विदेशों से धन हासिल किया जा रहा था और उस धन का इस्तेमाल निजी प्रयोग करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की जा रही थी।

उन्होंने बताया कि अवैध धर्मांतरण मामले में इसी साल एटीएस ने 21 जून को उमर गौतम और जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर अवैध तरीके से किए जा रहे धर्मांतरण का पर्दाफाश किया था। इस मामले में आज तीन लोगों को गिरफ्तारी के साथ अब तक 14 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है। कुमार ने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर गिरफ्तार आरोपियो को अदालत में पेश कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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