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पितृपक्ष में अनूठे उद्देश्य को लेकर होगी श्रीमद् भागवत कथा

अजमेर। धार्मिक नगरी अजमेर में मातृ पिता, भाई, सखा, रिश्तेदार, भूतात्माओं, प्रेतात्माओं, अकाल मृत्यु असैर लावारिस मरने वाले धरती पुत्र और पुत्रियों की आत्मशांति तथा मोक्ष जैसे अनूठे उद्देेश्य के साथ पितृपक्ष में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा।

आयोजन समिति के सदस्यों की सोमवार को हुई बैठक में बताया गया कि सब सुखी रहे, हर तरफ शांति का वास हो, सबमें प्रेम, दया, करुणा का भाव जाग्रत हो, कोई दुखी न रहे, किसी भी कारण न कोई हत्यारा बने न ही किसी को आत्महत्या करनी पडे इसके लिए जीवन काल में आध्यात्मिक प्रवृति रखना आवश्यक होता है।

ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में जो भी मनुष्य अपने दादा दादी, नाना नानी, माता पिता, बंधु बांधव, बहिन, पत्नी, रिश्तेदार, मित्र, लावारिस और असहाय के निमित्त मात्र पितृतर्पण करता है या करवाता है उसे मानसिक, शारीरिक, पारिवारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

कई लोग जिनमें हमारे माता पिता, पूर्वज, भाई बंधु जो कि तब आर्थिक स्थिति, पारिवारिक कारणा या व्यस्तता के कारण कोई कथा, कीर्तन, पाठ, पूजा, दान पुण्य, भवन निर्माण आदि धर्म कार्य न कर पाएं तथा उनकी भावना उनके साथ बैकुंठ धाम चली गई। अपने पूर्वजों के अधूरे काम को पूरा करने से हमारे मन को संतोष प्राप्त होता है। पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है। बस इसी भावना के साथ उनके निमित्त कथा कराई जाएगी।

कथा आयोजन का समय तथा स्थान

समिति के कार्यकर्ता तथा मीडिया संयोजक बसंत भट्ट ने बताया कि एक अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक तोपदडा स्थित गढवाल पैलेस परिसर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन रखा गया है। कथा प्रतिदिन अपराहन 3 बजे से शाम 6:15 बजे तक रहेगी। परबतसर नागौर के चारभुजा बडा मंदिर भिलावट के महंत कैलाश महाराज का सान्निध्य मिलेगा। प्रथम दिन सुबह 8 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी जो ब्रिज वाले बालाजी मंदिर से शुरू होकर गढवाल पैलेस पहुंचेगी। इसके बाद 10:30 बजे से 11:30 बजे तक मंडल एवं व्यास पूजन होगा। पहले दिन श्री भागवतजी की महिमा, भक्ति सूत्र तथा सुखदेव के जन्म का वर्णन कथा में सुनने को मिलेगा।

कथा स्थल पर विशेष व्यवस्थाएं

सर्वसमाज, धामिक संस्थाओं, धर्मप्रेमियों के सौजन्य से आयोजित की जाने वाली इस कथा के दौरान माता बहनों और भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। कथा के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए जाएंगे। खासकर अंतिम दिन भागवत कथा की पूर्णाहुति यज्ञ के दौरान पितृ तर्पण के लिए यजमान के रूप में नाम पहले लिखाने होंगे। कथा स्थल परिसर में ही वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी रहेगी।

अधिक जानकारी के लिए करें संपर्क

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आयोजक मंडली के सदस्य महंत राजू ओझा, दिनेश सहारा, गोकुलधाम आश्रम समिति के वीरभद्र महाराज, मोहनलाल साबू, योगेश सारस्वत, धर्मेन्द्र प्रजापति, प्रमोद भाटी, मुकेश परिहार, अशोक बिन्दवाल, कैलाश झालीवाल, गोमती अग्रवाल, रेखा सोनी, श्याम प्रेम महिला मंडल की लता तायल, सुशीला महावर, अरविंद धूत, हरिसिंह यादव, रमेश डाबी, पदम जसवानी, राजेन्द्र महावर, मास्टर नरेन्द्र भदेल, अतुल अग्रवाल, रचित कच्छावा, सौनल मौर्य, संजय मौर्य आदि से संपर्क किया जा सकता है।

ये धर्मप्रेमी कर रहे सहयोग

कथा आयोजन के विशाल कार्यक्रम में सर्वसमाज के साथ साथ गढवाल पैलेस वाले दिलीप गढवाल, किरण गढवाल, प्रेमराज सोलंकी, पार्षद संतोष मौर्य, अनिल मौर्य, वीरसिंह चौहान, एडवोकेट रणजीत सिंह, सन्नू भाई, श्याम चाौहान, ईश्वर सोनगरा, किशन चौहान, पवन मारोठिया, छोटूलाल पंवार, कैलाश कनोजिया, रामलाल चौहान, अमरचंद सोनगरा, पुष्कर टेंट हाउस, मोहित गढवाल, बलराज कच्छावा, भजनलाल कुमावत, तिलक राम खंडेलवाल, दिनेश खंडेलवाल, चंद्रप्रकाश खंडेलवाल, एडवोकेट सत्यप्रकाश, राधेश्याम गुप्ता, हनुमान प्रसाद अग्रवाल, ज्योति, रामसिंह साइकिल वाले, पटेल नगर विकास समिति तोपदडा का अ​ग्रिम सहयोग मिला है।

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