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पुलवामा के शहीदों पर जज की टिप्पणी से वकील भड़के

सिरोही। पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों की शहादत को श्रद्धांजली देने के अनुरोध के लिए गए अधिवक्ता को सिरोही की पोक्सो कोर्ट के जज ने ऐसी बात कह दी कि सिरोही के अधिवक्ताओं ने उनकी कोर्ट का बहिष्कार कर दिया। उनका कहना है कि यह बहिष्कार न्यायाधीश के स्थानांतरण होने तक जारी रहेगा। इतना ही नहीं जो अधिवक्ता उनकी कोर्ट में उपस्थित देगा उनके खिलाफ भी शास्ति लगाई जाएगी और दूसरी बार ऐसे अधिवक्ताओं को बार से निष्कासित कर दिया जाएगा।

सिरोही बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष मानसिंह देवड़ा ने बताया कि बार ऐसोसिएशन ने आपात बैठक बुलवाकर इस बात का प्रस्ताव लिया है कि विशिष्ट न्यायाधीश राजेश नारायण शर्मा द्वारा पुलवामा के शहीदों के लिए ‘ऐसे तो कई मरते हैं’ शब्द का इस्तेमाल शहीदों का अपमान है।

वकील मंडल की आपात बैठक में लिए प्रस्ताव के अनुसार वरिष्ट अधिवक्ता राजेन्द्र सुराणा न्यायाधीश को पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और न्यायालय के कार्य को स्थगित करने का अनुरोध करने गए थे। इस दौरान कथित रूप से पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश राजेश नारायण शर्मा ने उन्हें कहा कि ऐसे तो रोज मरते हैं।

इस तरह के शब्दों को अधिवक्ताओं ने शहीदों का अपमान बताते हुए न्यायाधीश के न्यायालय का बहिष्कार करने और निंदा का प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में इनकी शिकायत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व सिरोही जिले के इंस्पेक्शन जज को करने का निर्णय किया गया है।

इस प्रस्ताव से स्वयं न्यायाधीश राजेश नारायण शर्मा और सिरोही के जिला जज को भी अवगत करवा दिया गया है। इस संदर्भ में मीडियाकर्मी न्यायाधीश का पक्ष जानने के लिए उनके कार्मिक से संदेश भी भेजा, लेकिन उनके कार्मिक ने संदेश दिया कि वह इस संदर्भ में कुछ कहने को इच्छुक नहीं हैं। इस प्रकरण की जानकारी मिलने पर सभी अधिकवक्ताओं ने न्यायाधीश के समक्ष पहुंचकर भी अपनी सख्त आपत्ति जताई।

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