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पुलिस ने ली सहारा प्रमुख के दफ्तर-घर की तलाशी ली, सुब्रत रॉय की तलाश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लखनऊ आयुक्तालय की पुलिस ने जिला उपभोक्‍ता आयोग, नालंदा (बिहार) द्वारा एक वाद में सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के सिलसिले में शुक्रवार को उनके ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सहारा ने हालांकि, एक बयान जारी कर दावा किया कि अदालत ने उक्त आदेश के अमल पर रोक लगा दी है।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) एस एम कासिम आबिदी ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया, “29 नवंबर 2022 को जिला उपभोक्‍ता आयोग, बिहार शरीफ, नालंदा (बिहार) द्वारा एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसके अनुपालन के क्रम में सुब्रत रॉय सहारा के आवास और कार्यालय सहित विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी गई।”
उन्होंने कहा कि सुब्रत रॉय सहारा के छिपने के जो भी संभावित ठिकाने थे, उन सभी पर छापेमारी कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए।

आबिदी ने बताया, “रॉय की तलाश में कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।” उन्होंने कहा कि रॉय को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश का अनुपालन किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, उपभोक्ता आयोग के आदेश के अनुपालन में अलीगंज थाना क्षेत्र के कपूरथला स्थित सहारा कार्यालय और गोमतीनगर स्थित सहारा के प्रमुख ठिकानों पर पुलिस ने सुब्रत रॉय की तलाश की।

उल्लेखनीय है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग (नालंदा) के अध्‍यक्ष ने सुब्रत रॉय पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 की धारा 71 और 72 के तहत अपराध का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में आयोग ने सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है।

सहारा ने बयान में कहा कि पुलिस उपभोक्ता मंच में लंबित तीन लाख रुपये के एक मामले में सहारा शहर आई थी। कंपनी ने दावा किया कि अदालत ने बृहस्पतिवार को आयोग के आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी।

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