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बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का वीडियो वायरल, बयान पर विवाद

 

भोपाल। भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के महाराष्ट्र के शहीद एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का इस संबंध में वीडियाे आज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वे महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते के तत्कालीन प्रमुख एवं मुंबई आतंकवादी हमले में शहीद हुए अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर बोल रही हैं।

प्रज्ञा ठाकुर एक दशक से अधिक समय पहले महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट मामले में महाराष्ट्र एटीएस की हिरासत में काफी समय तक रही हैं। उस समय श्री करकरे ने भी उनसे रिमांड के दौरान पूछताछ की थी।

बुधवार को यहां भोपाल से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही वे हिरासत में उनसे हुयी पूछताछ को लेकर काफी बयान दे रही हैं। इसी कड़ी में कल देर शाम उन्होंने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कहा कि करकरे ने पूछताछ के दौरान उन्हें काफी परेशान किया था, इसलिए उन्होंने उनसे कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा।

 

लगभग पौने दो मिनट का वीडियो कल देर शाम यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का है। इसमें साध्वी किसी जांच आयोग का हवाला देते हुए बताती हैं कि उसके सदस्य ने करकरे को बुलाकर कहा था कि यदि साध्वी के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, तो उन्हें हिरासत में रखना उचित नहीं है। इस पर करकरे ने कहा था कि वे सबूत कहीं से भी लाएंगे, लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ेंगे। साध्वी ने कहा कि ये उनकी कुटिलता, देशद्रोह और धर्म विरूद्ध कार्य था।

भोपाल से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही सक्रिय राजनीति में कदम रखने वालीं मूल रूप मध्यप्रदेश के भिंड जिला निवासी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि करकरे उनसे पूछताछ करते थे, तो उनके जवाब में वे कहती थीं कि उन्हें नहीं मालूम, भगवान जाने। साध्वी के मुताबिक इस पर तत्कालीन पुलिस अधिकारी ने कहा कि क्या उन्हें सबूत लेने के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा। इस पर साध्वी ने कहा कि जरूरत हुई तो बिल्कुल जाना पड़ेगा।

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि यातनाओं से परेशान होकर उन्होंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। उन्होंने बेहद गंदी गालियां और यातनाएं दी थीं। वे मुझे क्या, किसी के लिए भी असहनीय थीं। ठीक सवा माह बाद सूतक लगता है, जब किसी के यहां किसी का जन्म या मृत्यु होती है। जब मैं वहां गई, तो उनके यहां सूतक लग गया था और ठीक सवा माह बाद उन्हें आतंकवादियों ने मार दिया था, उस दिन सूतक का अंत हो गया था। इस वीडियो में साध्वी की बात पर श्रोता तालियां बजाते हुए भी सुनाई दे रहे हैं।

एक दशक से अधिक समय पहले महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट में लगभग आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में महाराष्ट्र की एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित तौर पर साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया था। वे कई वर्षों तक वहां की जेल और एटीएस की हिरासत में रहीं।

कल ही यहां एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने बताया था कि किस तरह उन्हें हिरासत के दौरान यातनाएं दी गईं। बुरी तरह मारा पीटा गया। बेहद भद्दी गालियां दी गईं। यह सुनाते सुनाते वे एक कार्यक्रम में अपने आंसू तक नहीं रोक पायीं।

साध्वी ने इस कार्यक्रम में दावा किया था कि वे हिरासत में 24 दिन तक बगैर अन्न खाए सिर्फ पानी पर रहीं। इसके बावजूद यातना देने के कार्य का अंत नहीं हुआ था। साध्वी के मुताबिक पुलिस उनसे यह कहलवाना चाहती थी कि विस्फोट मामले में उनका हाथ है। इसके अलावा वे यह भी जानना चाहते थे कि उनका किसके साथ मिलना जुलना और बैठना है।

मुंबई में दस वर्ष पहले पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के हमले में करकरे समेत अनेक पुलिस अधिकारी शहीद हो गए थे और कई आम नागरिकों को अपनी जान गंवाना पड़ी थी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र में पिछले तीन दशकों से भाजपा जीतती आ रही है। इस बार कांग्रेस ने वरिष्ठतम नेताओं में शुमार एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को यहां से 23 मार्च को ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था और उन्होंने व्यवस्थित तरीके से प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। भाजपा ने कई नेताओं के नामों पर विमर्श के बाद अंतत: बुधवार को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाकर जता दिया कि वो ‘हार्डकोर हिंदुत्व’ के नाम पर यहां से आगे बढ़ना चाहती है।

भोपाल संसदीय क्षेत्र के नामांकनपत्र दाखिले का कार्य अभी चल रहा है। कल कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह नामांकनपत्र दाखिल करेंगे और भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर भी दो तीन दिनों में अपना नामांकनपत्र दाखिल करेंगी।

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