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मध्यम वर्ग की उम्मीद पर फिरा पानी, इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आयकर दरों में 2018-19 के लिए कोई राहत नहीं दी। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने बीते तीन सालों में लोगों पर लागू निजी आयकर दरों में बहुत से सकारात्मक बदलाव किए हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए मैं व्यक्तिगत आयकर दरों की संरचना में बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं करता हूं।

वेतनभोगी करदाताओं को राहत देने के क्रम में जेटली ने परिवहन भत्ता और विभिन्न चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के संबंध में वर्तमान छूट के बदले 40,000 रुपए के मानक कटौती का प्रस्ताव दिया।

जेटली ने 2017-18 के बजट में 2.5 लाख प्रतिवर्ष से पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष की आयकर स्तर में आयकर 10 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया था।

सरकार नए ईपीएफ खातों में 12 फीसदी योगदान करेगी

भारतीय वेतनभोगियों को राहत देते हुए सरकार ने घोषणा की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत नए कर्मचारियों के खातों में 12 फीसदी का योगदान किया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में 2018-19 का बजट पेश करते हुए की, जो 2019 की पहली छमाही में होने वाले आम चुनाव से पहले मौजूदा सरकार द्वारा पेश किया गया आखिरी बजट है।

जेटली ने कहा कि सरकार ने सभी क्षेत्रों के नए कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में 12 प्रतिशत का योगदान करने का निर्णय लिया है। ईपीएफओ में 1.16 फीसदी के मौजूदा योगदान के साथ सरकार पर अब लगभग 6,750 करोड़ रुपए का सालाना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। वर्तमान में ईपीएफ जमा पर मौजूदा ब्याज दर 8.65 फीसदी है, जो वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी थी।

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