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मरीना बीच पर करुणानिधि की अंत्येष्टि की अनुमति देने राज्य सरकार का इंकार

चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए यहां मरीना बीच पर जगह देने के लिए द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन के आग्रह को नामंजूर कर दिया और कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय के सामने गांधी मंडपम के पास दो एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए वह तैयार है।

इस बीच द्रमुक ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हुल्वादी जी रमेश ने संबंधित कागजात उपलब्ध कराए जाने की स्थिति में रात में ही याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। न्यायालय ने इस संबंध में महाधिवक्ता को भी सूचित कर दिया है।

स्टालिन ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में उनसे मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए उनके (करुणानिधि) राजनीतिक सलाहकार और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सीएन अन्नादुराई की समाधि के पास अंतिम संस्कार के लिए भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया।

मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने एक बयान में मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित मामले और कानूनी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार मरीना बीच में अन्ना स्मारक के पास भूमि आवंटित नहीं कर सकती है। इसके बजाय सरकार अन्ना विश्वविद्यालय के दूसरी ओर सरदार पटेल रोड पर राजाजी और गांधी मंडपम के पास करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए दो एकड़ जमीन आवंटित करेगी।

उन्होंंने कहा कि करुणानिधि का राजकीय अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार ने दिवंगत नेता के सम्मान में सात दिवसीय राजकीय शोक की भी घोषणा की है। सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है तथा झंडा आधा झुका रहेगा।

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