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मुन्नवर राना, कुँवर बेचैन और सुरेन्द्र चतुर्वेदी को डॉ. ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि

 

कानपुर/अजमेर। कानपुर विश्वविद्यालय ने अपने दीक्षांत समारोह में देश के तीन साहित्यकारों को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। एक भव्य समारोह में विश्विद्यालय की ओर से सुप्रसिद्ध शाइर मुनव्वर राना, कवि कुंवर बेचैन और मशहूर गज़लगो अजमेर के सुरेन्द्र चतुर्वेदी को डी लिट् की उपाधि से नवाज़ा गया।

विश्वविद्यालय ने दस साल बाद मानद उपाधियां दी हैं।
शाइर मुनव्वर राना को उनकी माँ पर लिखे बेजोड़ साहित्य के लिए, कुँवर बेचैन को उनके सामाजिक परिवेश में लिखे साहित्य के लिए और सुरेन्द्र चतुर्वेदी को उनकी सूफ़ी ग़ज़लों और गंगा जमुनी इक्ज़दगी के लिए दिए गए योगदान के लिए डॉ ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि दी गई हैं।


कानपुर विश्वविद्यालय में आयोजित भव्य समारोह में भाग लेने शाइर मुन्नवर राना नहीं आ सके।कुछ दिन पूर्व गिर जाने से उनके घुटने में फ्रेक्चर हो गया था और वो एम्स दिल्ली में एडमिट हैं।

कुँवर बेचैन और सुरेन्द्र चतुर्वेदी समारोह में मौजूद रहे। इस अवसर पर समारोह के बाद दोनों ही कवियों का टॉक शो भी आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने *मेरी रचना प्रक्रिया मन से जन तक* विषय पर अपने विचार व्यक्त किये और गीत ग़ज़लें सुनाई।

शो में विश्वविद्यालय के छात्रों और साहित्यकारों ने बेचैन और चतुर्वेदी से सवाल जवाबों के जरिए उनके निजी अनुभवों का साझा किया।
कानपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की विभाग -अध्यक्ष कुसुम लता सिंह “अविचल ” की पुस्तक के विमोचन समारोह में भी सुरेन्द्र चतुर्वेदी ने मुख्य अथिति के रूप में भाग लिया।कुँवर बेचैन और चतुर्वेदी का स्थानीय संस्था *उन्नति* द्ववारा भी सम्मान किया गया।

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