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लगातार बारिश और बादल फटने से हिमाचल के हालात खराब, 18 से ज्यादा मौतें

 

शिमला । हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गत 24 घंटों में भारी बारिश लोगों के लिये आफत बन कर आई है जिसके कारण जहां बड़े पैमाने पर जानमाल, राजमार्गों, सम्पर्क सड़कों और रास्तों को नुकसान हुआ है वहीं स्थानीय जनजीवन भी अस्तव्यस्त हो गया है। राज्य में बारिश के फिलहाल थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।जबकि 18 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

बारिश के कारण राज्य हमीरपुर जिले के भाेरंज की जरलोग पंचायत अंतर्गत एक गांव में भूस्खलन होने से एक महिला और उसकी पोती की मलबे के नीचे दब कर मौत हो गई। इनकी शिनाख्त क्रमश: लाजो देवी और तनु के रूप में की गई है। कुल्लू जिले के मणिकर्ण के निकट कोटलागा गांव में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में तीन घर बह गये हैं और इन घरों में रहने वाले तीन परिवारों के सदस्यों का कोई अता पता नहीं है। सोलन जिले के बरोटीवाला औद्योगिक कस्बे में गत रविवार को एक फैक्टरी की बाउंड्री की दीवार गिरने से तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई।

 

राज्य के किन्नौर जिले में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में रिस्पा गांव में बड़ी तबाही हुई है वहीं चेरांग नाले में पानी के तेज बहाव के कारण गांव को जोड़ने वाला एक पुल और जनस्वास्थय विभाग पेयजल सुविधाएं बह गई हैं। जिला प्रशासन ने घटना की पुष्टि करते हुये बताया कि भूस्खलन के कारण भारत-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग का काजा-चांगो-किन्नौर भी मालिंग नाला के निकट अवरूद्ध होने के अलावा इसी मार्ग पर स्थित भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव करछम का शेष भारत से सम्पर्क टूट गया है। इसी जिले के त्रांडा, सांगला, चरूआ-छोटा खम्बा और टापरी-जानी सम्पर्क मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हैं।

भारी बारिश और इसके कारण सड़कों और रास्तों को हुये नुकसान के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में अनेक यात्री और पर्यटक फंसे हुये हैं। किन्नौर जिले में ही सांगला घाटी के निकट सांगला-करछम मार्ग रूतुरंग में भूस्खलन होने के कारण अवरूद्ध हो गया है जिससे वहां लगभग 15 वाहनों में लगभग 100 यात्रियों और पर्यटकों के फंसे होने की सूचना है। पहाड़ों के अभी भी बड़े पत्थर और मलबा गिर रहा है जिससे इस मार्ग के कल तक भी खुलने के आसार नहीं हैं।

मंडी में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) का मनाली-पठानकोट खंड, पठानकोट-चम्बा और नाहन-सांगरा एनएच भी अवरूद्ध हैं। शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान ने बताया कि बेयोलिया-मेहली सड़क मार्ग पर आज हुये भूस्खलन के कारण कुछ वाहन मलबे में दब गये। सड़क पर मलबा गिरने के कारण इस मार्ग पर यातायात भी अवरूद्ध हो गया है।

राज्य के किन्नौर जिले में बादल फटने के कारण आई बाढ़ में रिस्पा गांव में बड़ी तबाही हुई है वहीं चेरांग नाले में पानी के तेज बहाव के कारण गांव को जोड़ने वाला एक पुल और जनस्वास्थय विभाग पेयजल सुविधाएं बह गई हैं।

जिला प्रशासन ने घटना की पुष्टि करते हुये बताया कि भूस्खलन के कारण भारत-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) का काजा-चांगो-किन्नौर भी मालिंग नाला के निकट अवरूद्ध होने के अलावा इसी मार्ग पर स्थित भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव करछम का शेष भारत से सम्पर्क टूट गया है। इसी जिले के त्रांडा, सांगला, चरूआ-छोटा खम्बा और टापरी-जानी सम्पर्क मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हैं।

भारी बारिश और इसके कारण सड़कों और रास्तों को हुये नुकसान के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में अनेक यात्री और पर्यटक फंसे हुये हैं। किन्नौर जिले में ही सांगला घाटी के निकट सांगला-करछम मार्ग रूतुरंग में भूस्खलन होने के कारण अवरूद्ध हो गया है जिससे वहां लगभग 15 वाहनों में लगभग 100 यात्रियों और पर्यटकों के फंसे होने की सूचना है। पहाड़ों के अभी भी बड़े पत्थर और मलबा गिर रहा है जिससे इस मार्ग के कल तक भी खुलने के आसार नहीं हैं।

मंडी में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़ मनाली एनएच का मनाली-पठानकोट खंड, पठानकोट-चम्बा और नाहन-सांगरा एनएच भी अवरूद्ध हैं। सोलन जिले से गुजरने वाले कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अन्य मार्गों पर अनेक जगह भूस्खलन होने के समाचार हैं जिसके कारण इन मार्गों से गुजरने वाले वाहनों की लम्बी कतारें लगी हुई हैं।

बारिश के कारण जनस्वास्थय विभाग की अश्वनी खड्ड और गिरी नदी समेत से अनेक जलापूर्ति परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। इसके कारण सोलन, धर्मपुर, कुमारहट्टी समेत लगभग 140 गांवों को पेयजलापूर्ति प्रभावित हुई है। शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान ने बताया कि बेयोलिया-मेहली सड़क मार्ग पर आज हुये भूस्खलन के कारण कुछ वाहन मलबे में दब गये। सड़क पर मलबा गिरने के कारण इस मार्ग पर यातायात भी अवरूद्ध हो गया है।

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