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सतलोक अाश्रम के प्रमुख रामपाल को उम्रकैद, हिसार में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त

हिसार। सतलोक अाश्रम के प्रमुख रामपाल को हिसार की विशेष अदालत ने हत्या के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रामपाल के साथ 15 दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट ने जेल में ही सजा सुनाई।
साथ ही कोर्ट ने रामपाल को एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। रामपाल की सजा को ऐलान को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। राम रहीम प्रकरण से सबक लेते हुए इस बार विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
30 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। डीआईजी और आईजी सहित 6 आईपीएस अधिकारियों और डीएसपी के नेतृत्व वाली 10 टीम को नियुक्त किया गया है। वहीं दूसरे जिलों से फोर्स मंगाकर 1500 जवानों को भी तैनात किया गया है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामपाल को कोर्ट में पेश किया गया। सेंट्रल जेल-1 में बनाई गई विशेष अदालत में जज डीआर चालिया ने मामले पर फैसला सुनाया।

मालूम हो कि अदालत ने रामपाल व अन्‍य आरोपिताें को भादसं की धाराओं 302, 343 अौर 120बी के तहत दोषी ठहराया है। अदालत में एफआइआर नंबर 429 के मामले में रामपाल सहित 15 आरोपितों को दोषी करार दिया। वहीं कोर्ट ने एफआइआर नंबर 430 में 14 आरोपितों को दोषी करार दिया। अदालत 429 और 430 के मामले में सजा सुनाई है।

2014 में हुअा था रामपाल समर्थकों व पुलिस में टकराव
9 से 18 नवंबर 2014 को दस दिन तक सतलोक आश्रम में पुलिस और रामपाल समर्थकों में भारी झड़प हुई, जिसमें पांच महिलाओं व 18 महीने के एक बच्ची की मौत हो गई थी। रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कड़ी मशक्त का सामना करना पड़ा। पुलिस ने पहले आश्रम की बिजली और पानी सप्लाई काट दी थी। उसके बाद आश्रम के अंदर राशन जाने के भी सारे रास्ते बंद कर दिए गए। जिसकी कमी होने पर हजारों की तादाद में लोग अाश्रम से बाहर अाए। जिसमें से कई लोगों का कहना था कि वे अपनी मर्जी से अंदर नहीं गए थे, बल्कि उन्हें कैद कर मानव ढाल का इस्तेमाल किया जा रहा था। झड़प के 10 दिन बाद 20 हजार सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी आश्रम में घुसने में सफल हुए। लेकिन पुलिस के हाथ रामपाल नहीं लगा।
झड़प के 11 दिन हुअा रामपाल गिरफ्तार
आखिरकार पुलिस ने जेसीबी का इस्तेमाल कर आश्रम की पिछली दीवार तोड़नी चाही तो कई लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। जिसमें  28 पुलिस कर्मी घायल हुए और 200 लोग गंभीर जख्मी हो गए थे। पुलिस को पांच महिलाओं व 18 महीने के एक बच्चे की लाश आश्रम से मिली थी। करीब 11 दिन की जद्दोजहद के बाद 19 नवंबर 2014 की रात रामपाल पुलिस के हत्थे चढ़ा, जिसकी गिरफ्तारी के बाद सतलोक अाश्रम को पूरी तरह से सील कर दिया गया था।

2014 में रामपाल पर हुए थे 7 केस दर्ज
रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था, वहीं अब रामपाल दो हत्याओं के माले में दोषी करार दिया गया है। इसके बाद भी रामपाल के खिलाफ चल रहे तीन केस लंबित पड़े हैं।

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