अजमेर। किसी भी समाज का समुचित विकास आपसी एकता से ही संभव है। लोकतंत्र में भी उसी समाज को यथोचित तवज्जो मिलती है जिसका वोट बैंक ज्यादा होता है। अगर संत नामदेव के सभी अनुयायी एक बैनरतले आ जाएं तो नामदेव समाज और बेहतर विकास कर सकता है। यह कहना है श्री नामदेव विट्ठल मंदिर एवं पंचायत छीपान पुष्कर के मंत्री प्रहलाद दोसाया का।
शिक्षा विभाग में व्याख्याता पद से सेवानिवृत्त दोसाया ने ‘नामदेव न्यूज’ से विशेष मुलाकात में वर्तमान के राजनीतिक व सामाजिक हालातों पर बातचीत की।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि कई बड़े समाजों की सोच है कि ‘वोट और बेटी समाज वाले को ही देना है।’ यह सोच जब लगभग सभी समाजों की है तो फिर नामदेव समाज पीछे क्यों रहे। संत नामदेव के अनुयायी देशभर में काफी संख्या में हैं। मगर वे आपस में बंटे हुए हैं।
यह खुशी की बात है कि पिछले कुछ समय से दर्जी और छीपा समाज एक जाजम पर आने लगे हैं। यह प्रयास सराहनीय है। वक्त का तकाजा भी यही है कि संत नामदेव को मानने वाले सभी एक बैनरतले आएं। इससे समाज और ज्यादा तरक्की करेगा। राजनीतिक लिहाज से भी समाज मजबूत होगा।
दोसाया ने उम्मीद जताई कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सक्षम अन्य समाजों से प्रेरणा लेकर नामदेव समाज के विभिन्न घटक भी जल्द एक होंगे। समाज का दायरा बढ़ेगा तो संर्कीणता खत्म होगी। विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे।
यूं आ सकते हैं करीब
-
-नामदेव समाज के सभी घटक छीपा गहलोत, टांक दर्जी, भावसार व रोहिल्ला आपस में मिलकर नामदेव जयंती, बसंतोत्सव आदि आयोजित करें।
-सामूहिक विवाह एवं वैवाहिक परिचय सम्मेलनों का सामूहिक आयोजन हो।
-विविध सामाजिक, शैक्षिक कार्यक्रमों में एक-दूसरे को आमंत्रित किया जाए। आपस में आने-जाने से संबंध प्रगाढ़ होंगे और सभी घटक एक-दूसरे के करीब आएंगे।
-नामदेव समाज के सभी घटकों में भावनात्मक एकता कायम हो।
-बुराइयों को नजरंदाज कर अच्छाइयों को महत्व दिया जाए।