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गोविंदाचार्य ने उठाए गूगल पर 7 सवाल, पिचाई से मांगे जवाब

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संरक्षक गोविन्दाचार्य ने गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुन्दर पिचाई को पत्र लिखकर भारत में गूगल को नियमों के उल्लंघन की छूट पर 7 सवाल उठाए हैं।
अपने पत्र में गोविन्दाचार्य ने कहा है कि आईआईटी खडग़पुर से शिक्षित होकर विश्व की सबसे बड़ी कंपनी गूगल इंक के सीईओ बनने पर हम सभी देशवासियों को बहुत फख्र है। आपने कहा है कि भारत ने गूगल और आप को बहुत कुछ दिया है और अब आपके वापस देने का समय आ गया है।

 

उसी कड़ी में आपने भारत के युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विकास की कई योजनाओं की शुरूआत करने की घोषणा की है जिनसे भारत को बहुत लाभ होगा, ऐसा हम सभी को विश्वास है। पर एक आम भारतीय की तरह गूगल इंक के सीईओ से कुछ सवालों के जवाब जरूर चाहता हूं, जिनसे हम सभी की शंकाएं दूर होंगी और भारत को आपका वापस देने का संकल्प बेहतर तरीके से पूरा हो सकेगा।
गूगल अर्थ मैपिंग बंद हो
पत्र में कहा गया है कि गूगल अर्थ मैपिंग प्रोजेक्ट के विरूद्ध दो वर्ष पूर्व सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें गूगल इंक के अधिकारियों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। बगैर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मंजूरी के इस प्रोजेक्ट को और आगे बढ़ाने से भारत के विरुद्ध आतंकवादियों को लाभ हो सकता है जिससे मुंबई जैसे हमलों को दोहराया भी जा सकता है। सवाल यह है कि आप इस प्रोजेक्ट को बगैर सुरक्षा एंजेसियों की मंजूरी के कैसे चला रहे हैं?
कहां है पैन नंबर
इसी तरह पत्र में कहा गया है कि आपकी कंपनी गूगल इंक द्वारा भारत के 500 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा और अन्य आर्थिक गतिविधियों की घोषणा की है। आपसे जानना चाहूंगा कि आपकी कंपनी गूगल इंक के पास भारत में न ही पैन नंबर है और न ही सर्विस टैक्स का रजिस्ट्रेशन नंबर। भारत में आयकर कानून के अनुसार 2 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन के लिए पैन नंबर आवश्यक है। गूगल 365 बिलियन डालर की कंपनी है और भारत उसके लिए विश्व में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। भारत में गूगल इंक और गूगल आयरलैंड कंपनी के पास न तो पैन नंबर और न ही सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन नंबर है। क्या आप अपनी कंपनी के अधिकारियों को यह हासिल करने के लिए निर्देश देंगे ?
शिकायत अधिकारी यहां क्यों नहीं
पत्र में कहा गया है कि भारत में गूगल वेबसाइट द्वारा दी गई सुविधाओं का स्वामित्व आपकी कंपनी गूगल इंक के पास है जिसकी शिकायत के लिए आईटी एक्ट के अनुसार आपने शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भारत की बजाय अमेरिका में कर रखी है। इस कारण से आम भारतवासियों की शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। क्या आप शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भारत में करेंगे ?
नेट-न्यूट्रलिटी का उल्लंघन
पत्र में मुताबिक गूगल ने भारत के युवाओं को रोजगार तथा स्टार्टअप्स को मदद का आश्वासन दिया है। जहां अमेरिका में गूगल द्वारा नेट-न्यूट्रलिटी के लिए अपनी वचन-बद्धता दोहराई गई है, वहीं भारत में गूगल और उसके अन्य प्रोडक्ट्स द्वारा नेट-न्यूट्रलिटी का उल्लंघन किया जा रहा है। क्या एक जिम्मेदार कंपनी होने के नाते भारत में आप नेट-न्यूट्रलिटी के अनुरूप अपना व्यापारिक संचालन करेंगे ?
बैलून इंटरनेट की मंजूरी लेंगे?
पत्र में कहा गया है कि गूगल इंक द्वारा भारत में बैलून द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधाएं देने का प्रोजेक्ट प्रारंभ हो रहा है। दो दिन पूर्व केंद्रीय गृह सचिव द्वारा ड्रोन पर कानूनी नियमों की बात की गई थी। अमेरिका में ऐसी सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। क्या आप बैलून प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की मंजूरी लेंगे जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है?
बच्चों के लिए क्या सोचा?
पत्र के मुताबिक गूगल बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह कंपनी है। भारत में यू-ट्यूब तथा अन्य साइट्स पर 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं हो सकते, उसके बावजूद गूगल इंक द्वारा नियमों का सही पालन नहीं कराने से करोड़ों बच्चे इंटरनेट के माध्यम से सेक्स और नशें का शिकार होकर जुवेनाइल अपराधी बना रहे हैं। एक जिम्मेदार कंपनी होने के नाते, आप कैसे भारत के क़ानून और गूगल के नियमों का बेहतर तरीके से पालन करा पाएंगे ?
योजनाओं की घोषणाएं वाजिब है या नहीं?
पत्र में कहा गया है कि गूगल के हैदराबाद ऑफिस तथा अन्य गतिविधियों से भारत में रोजगार बढ़ाने की बात कही जा रही है। गूगल इंडिया द्वारा हमेशा कहा गया है कि वह गूगल इंक और गूगल आयरलैंड की प्रतिनिधि कंपनी नहीं है। यदि यह सच है तो आप गूगल इंक के माध्यम से इन योजनाओं की घोषणाएं कैसे कर रहे हैं? गोविंदाचार्य ने पत्र में उम्मीद जताई है कि सुन्दर पिचाई उनके सभी सवालों के समुचित जवाब अवश्य देंगे।

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