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हिन्दू एकता के ‘घोष’ का कोरोना से निधन : चुपचाप चला गया नायक

कोलकाता/जयपुर। पश्चिम बंगाल हिन्दू सम्हाती के संस्थापक और आरएसएस के प्रचारक रहे तपन घोष का निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित होने के बाद लंबे समय से उपचाररत थे। घोष ने अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 67 वर्ष के थे।

उन्हें ईएम बाइपास और कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद एक निजी अस्पातल में भर्ती किया गया था। घोष को पिछले महीने के आखिर में अस्पताल में भर्ती किया गया था और कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

घोष हिन्दू एकता के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट किया कि तपन घोष का निधन हो गया। पश्चिम बंगाल में वह हिन्दू एकता और संगठन के लिए सबस समर्पित सिपाहियों में से एक थे।

 

दासगुप्ता ने कहा घोष का जीवन हजारों लोगों के लिए प्रेरणादायी है। घोष वर्ष 1975 से आरएसएस के प्रचारक थे और बाद में वर्ष 2008 में उन्होंने हिन्दू सम्हाती की स्थापना की।

उस के माध्यम से हिंदुओं को एकजुट करने, उनके मतांतरण को रोकने और हिंदुओं पर अत्याचार करने वालों को जवाब देना का काम किया।

आज जो पश्चिम बंगाल के कार्य में उनका बड़ा योगदान था। तपन दा लगातार तृणमूल शासन और वामपंथियों के द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों का सामना और हिंदुओं को संगठित करते रहे।

उनके परिश्रम का ही परिणाम था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जगह-जगह जय श्रीराम के नारे सुनने को मिले। एक नायक जो हिंदुओं को संगठित करने के लिए लगातार संघर्ष करता रहा। जिसने अपना जीवन हिंदुओं को एक करने के लिए बलिदान कर दिया। तपन दा आप सदैव सभी कार्यकर्ताओं के ह्रदय में निवास करेंगे।

भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि घोष के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ। कोरोना के संक्रमण से हमने उन्हें खाे दिया। हमें वह बहुत याद आएंगे। ऊं शांति। पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को हिन्दू सम्हाती के संस्थापक तपन घोष के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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