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हिन्दू मंदिरों में अहिन्दू और श्रद्धाहीनों के प्रवेश पर लगे रोक

रमेश शिंदे

जयपुर। कर्नाटक स्थित मंगलुरू के कोरगज्जा मंदिर में अत्यंत संतापजनक घटना उजागर हुई है। नवाज (मृतक), अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफिक नामक धर्मांध मुसलमान युवकों ने कोरगज्ज मंदिर की दानपेटी में आपत्तिजनक वस्तुएं डालकर मंदिर की पवित्रता भंग की है। इसलिए केवल मंगलुरू ही नहीं, अपितु संपूर्ण देश के हिन्दुओं में संताप की लहर उत्पन्न हो गई है।

यह एकमात्र घटना नहीं है। ऐसी अनेक घटनाएं कर्नाटक राज्य में उजागर हुई हैं। इसलिए समाज में अनबन उत्पन्न करने के उद्देश्य से ऐसे कृत्य करने वालों पर कठोर से कठोर कार्यवाही नहीं हुई, तो प्रशासन को हिन्दुओं के रोष का सामना करना पडेगा। यह ऐसी चेतावनी हिन्दू जनजागृति समिति ने दी है।

इस पृष्ठभूमि पर मंदिरों की पवित्रता की रक्षा होने और कोरोना महामारी के आपातकाल में कानून-सुव्यवस्था पर अधिक तनाव न आए, इसलिए संपूर्ण देश के हिन्दू मंदिरों में अहिन्दुओं को और ईश्‍वर पर श्रद्धा न रखनेवालों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए।

यह आवहान संपूर्ण देश के मंदिरों के न्यासियों को हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है। समिति द्वारा राष्ट्रीय मंदिर-संस्कृति रक्षा अभियान के अंतर्गत इस संबंध में अभियान कार्यान्वित किया जाने वाला है, इस अभियान में समस्त मंदिर न्यासी और भक्त सम्मिलित हों, ऐसा आवाहन भी समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने किया।

मंगलुरू के धर्मांध मुसलमानों द्वारा मंदिर में किए गए कृत्य हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों का हेतुतः अनादर करने वाले हैं। ऐसी घटना यदि मुसलमानों के प्रार्थना स्थलों के संबंध में घटी होती, तो अब तक देश जल उठा होता, परंतु हिन्दू सहिष्णु होने के कारण यहां का वातावरण शांत है।

अब ऐसे हिन्दूद्वेषी कृत्यों के कारण मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध लगने ही चाहिए। हम समस्त मंदिर न्यासियों को आवाहन कर रहे हैं कि हिन्दू मंदिरों के बाहर अहिन्दू और श्रद्धाहीनों का प्रवेश प्रतिबंधित है, ऐसा फलक बडे अक्षरों में लिखकर लगाया जाए तथा बलपूर्वक उसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत की जाए। समिति इस संदर्भ में मंदिर न्यासियों की बैठक लेकर संपूर्ण देश में जनजागृति करने वाली है।

क्या घटना घटी थीे कोरगज्ज मंदिर मेें

कोरगज्ज मंदिर में कुछ दिनों पूर्व नवाज, अब्दुल और तौफिक ये तीनों गए थे, उन्होंने मंदिर की दानपेटी में गर्भनिरोधक डाले। मृत्यु से पूर्व नवाज नामक धर्मांध ने अनेक बार इस मंदिर में मलमूत्र विसर्जन किया था। इसके कुछ दिनों पश्‍चात नवाज को रक्त की उलटियां होकर उसकी मृत्यु हो गई। नवाज की मृत्यु ईश्‍वर का कोप होने के कारण हुई है, इस भय से अब्दुल और तौफिक ने पुजारी के पास जाकर अपराध स्वीकार किया।

उसके उपरांत पुजारी ने निश्‍चिति की और पुलिस को बुलाकर धर्मांधों को पुलिस के नियंत्रण में दिया गया। सर्वधर्म समभाव की बांग देने वाले एक भी मुसलमान नेता ने इस संबंध में साधारण खेद भी व्यक्त नहीं किया है, इस ओर भी शिंदे ने ध्यान आकर्षित किया।

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