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अपने ही जाल फंसी मैनपुरी की मैना, खुद लुटवाई इज्जत

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5 लाख की खातिर प्रेमी संग मिलकर रची गैंग रेप की साजिश
जयपुर। जंक्शन रेलवे स्टेशन से आटो में अपहरण और गैंगरेप का सच सामने आ गया है। मामला साजिश के तहत खुद अपनी इज्जत लुटवाने का निकला। इससे वसुंधरा सरकार और पुलिस की इज्जत भी बाल-बाल बीच गई है।

 

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पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि घटना में युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर युवक को ब्लैकमेल करने और 5 लाख रुपए कमाई करने के लिए साजिश रची थी। इस काम में युवकोंं को दबाव में लेने के लिए युवती ने खुद की ही अश्लील फिल्म भी बनवाई थी। पुलिस ने युवती के साथी को पकडक़र 6 मोबाइल और अवैध दस्तावेजों से ली गई 15 मोबाइल सिमकार्ड भी बरामद किए हैं।

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पुलिस ने तीन दिनों तक गहन अनुसंधान के बाद पाया कि युवती की आर्थिक दशा सही नहीं होने के बाद भी उसका रहन सहन हाईफाई था। इसकी जांच करने पर पाया गया कि युवती पहले अपनी बुआ के पास यूपी में रही थी, जहां चाल चलन सही नहीं होने के कारण वहां से उसे वापस भेज दिया गया।

मंगलवार सुबह प्रकरण का पता चलने के बाद पुलिस अधिकारी युवती के बयानों के आधार पर ही जांच करते रहे, लेकिन इस दौरान युवती ने कई बार अपने बयान बदले। पुलिस ने पूरे रूट और एक हजार से ज्यादा ऑटो चालकों को खंगाला, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। युवती के बयान पूरी तरह से झूठे निकलने के बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदली तो पूरे प्रकरण का खुलासा हो गया।

इसमेंं युवती रेलवे स्टेशन से ऑटो में जगतपुरा फाटक तक गई थी। वहां उसका प्रेमी ऋषिराज मीणा अपनी बाइक पर उसके किराए के फ्लैट तक लेकर गया। इस दौरान युवती लगातार संदीप नाम के युवक से बात करती रही। उसने रात 10 बजे संदीप को फ्लैट पर बुलाया और सुबह 3 बजे तक उसके साथ तीन-चार बार सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान ऋषिराज मीणा दूसरे कमरे में छिपा रहा और सुबह 4 बजे युवती ने संदीप से पैसों की मांग की तो संदीप ने अपने पास पैसा नहीं होने की बात कही। इस पर युवती ने संदीप को वहां से भेज दिया और करीब 5 बजे ऋषिराज के साथ एमएनआईटी कॉलेज के गेट तक पहुंची और फिर पुलिस को झूठी सूचना दी। इससे पहले ही बुधवार शाम को मीडिया मेंं संदीप का नाम आने के बाद वह खुद ही अपने दोस्त के साथ पुलिस तक पहुंच गया और पूरा मामला बताया। पुलिस ने युवती की कॉल डिटेल और चाल चलन के आधार पर जांच की दिशा बदली और युवती के इर्द गिर्द पड़ताल कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया। झूठी कहानी रचकर कमाई के फेर में फंसी युवती अपने ही जाल मेंं फंस गई और शुक्रवार को पुलिस नेे उसे और उसके प्रेमी ऋषिराज मीणा को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 6 मोबाईल व 15 अवैध व फर्जी दस्तावेजो से प्राप्त सिम बरामद की गई।

प्रेमी के कमरे पर संदीप से चार बार बनाये संबंध 

अपने प्रेमी के साथ मिलकर युवती ने संदीप लांबा नामक युवक के साथ जिस उदेश्य से एक ही रात में चार बार सहवास किया वह पूरा न हो सका। युवती अपने प्रेमी के जरिये संदीप से लाखों रुपए ऐंठना चाहती थी। सहवास के दौरान जब युवती ने संदीप के डेबिट व क्रेडिट कार्ड तथा पर्स तक को खंगाल लिया लेकिन उसके पास कोई रुपए नहीं मिले तो उसने तयशुदा योजना के तहत पुलिस के सामने मनगढ़त कहानी सुनाकर गैंगरेप की वारदात बना दी। इसी दौरान युवती के प्रेमी ने फ्लैट के दूसरे कमरे में छिपकर दोनों के सहवास की वीडियो क्लिपिंग भी बना ली। अश्लील क्लिपिंग सार्वजनिक होने के डर से संदीप मौके से फरार हो गया। इसके बाद जब मीडिया के जरिये उसे पता चला कि उसे मुलजिम बना दिया गया है तो वह खुद ही अपने दोस्त पोलू जाट के जरिये पुलिस थाने में पहुंच गया और पूरे मामले से अवगत करवा दिया। इसके बाद जवाहर सर्किल थाना पुलिस में संदीप लांबा की रिपोर्ट पर युवती व ऋषिराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

पुलिस जांच में खुलासा

ऋषिराज मीणा और युवती, बृजेश व संदीप से करीब 5 लाख रूपये ऐंठकर प्रकरण में सौदा करना चाहते थे। ऋषिराज मीणा उस पैसे से अपना व्यापार करना चाहता था। आपराधिक प्रवृति के ऋषिराज मीणा के विरूद्व चोरी व गबन के दो मामले पहले से ही दर्ज हैं।

प्रेमी के जरिये किराये पर लिया कमरा 

पुलिस की जांच में पता चला है कि उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिला की निवासी युवती ने अपने प्रेमी  ऋषिराज मीणा के सहयोग से जगतपुरा के सरस्वती नगर में ढाई माह पूर्व किराये का कमरा लिया था। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। प्राईवेट बीएससी की पढाई कर रही युवती प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी कर रही थी।

300 अधिकारियों-पुलिसकर्मियों की भाग दौड़ 

प्रदेशभर व मुख्यमंत्री स्तर तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस के लिए इसका खुलासा करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। इस चुनौती को पुलिस कमीश्नर को बड़ी गंभीरता से लेते हुए 300 अधिकारियों व पुलिसकर्मियों का जांच में लगा दिया। एक दर्जन थानाधिकारियों के नेतृत्व में गठित की गई अलग-अलग टीमों ने तीन दिन में गहन जांच के बाद मामले का पटाक्षेप कर दिया।

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