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…और घूम गया शिवालय

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एक बार संत नामदेव और संत ज्ञानेश्वर एक साथ तीर्थयात्रा पर निकले हुए थे। वाराणसी, गया, प्रयाग घूमते-फिरते वे भगवान शिव के स्थान औंढ्या नागनाथ पहुंचे। ये संत जहां भी जाते थे, कीर्तन के माध्यम से ईश भक्ति करते थे। अत: यहां भी उन्होंने कीर्तन कर ईश्वर चरणों में हाजिरी लगाने का निश्चय किया।

महादेव को वंदन कर संत नामदेव जी ने भगवान विट्ठल का कीर्तन प्रारंभ किया। यह पता लगते ही कीर्तन सुनने बहुत लोग एकत्र हो गए। सभी कीर्तन सुनने में तल्लीन हो गए।

इतने में ही कुछ विरोधी लोग आ धमके और शोर-शराबा करने लगे। विरोधियों ने क्रोध में नामदेव जी से कहा, यह भगवान शिव का स्थान है। उन्हें हरि कीर्तन प्रिय नहीं है। अगर आपको कीर्तन ही करना है तो पंढरपुर जाएं और वहां नाचें।
विरोधियों की बातें सुनकर श्रोता बोले, ‘विट्ठल एवं शिव क्या ? इन दोनों में कोई अंतर नहीं हैं। शिव के सामने कीर्तन न करें, ऐसा कहां कहा गया है ?

यह सुनकर विरोधी अत्यधिक क्रोधित हो गए। वे बोले, तुम अभिमान एवं आवेश में हमें ज्ञान सिखाते हो ? इधरसे जाओ, अन्यथा व्यर्थ ही मार खाओगे। सब शांतिपूर्वक वैसे ही खड़े रहे । कोई भी वहां से नहीं हिला।

यह देखकर विरोधियों ने निश्चय किया कि इस नामदेव को ही यहां से भगाना होगा। विरोधियों ने नामदेव जी से कहा, ”तुम्हारे कीर्तन के कारण मंदिर में आने का मार्ग बंद हो गया है । अगर तुम्हे कीर्तन करना ही है तो मंदिर के पीछे जाओ।”

यह सुनकर नामदेव ने विरोधियों को साष्टांग नमस्कार किया और मंदिर के पीछे पहुंच गए। भगवान के कीर्तन में विघ्न आने के कारण नामदेव जी व्यथित हुए। उन्होंने भाव विभोर होकर अंत:करण से भगवान पांडुरंग को पुकारा।

विट्ठल नाम की तड़प इतनी बढ गई कि उनकी अंत:पुकार भगवान तक पहुंच गई। पूरब दिशा की ओर मुख किया भगवान शिवजी का मंदिर घूमा और उसका मुंह नामदेव जी के सम्मुख हो गया। यह चमत्कार देखकर सभी श्रोता आश्चर्यचकित रह गए। ‘कैलाशपति,  नामदेव जी पर प्रसन्न हो गए’, सब कहने लगे।

इतने में भगवान शिवजी की पूजा कर विरोधी मंदिर से बाहर आए, तब भी नामदेव का कीर्तन चल ही रहा था! कुछ तो गड़बड़ है, यह उनके ध्यान में आया। भगवान ने साक्षात मंदिर घुमा दिया, यह ज्ञात होने पर विरोधी लज्जित हो गए।

भगवान का प्रिय भक्त कौन है, यह स्वयं भगवान ने ही दिखा दिया। दु:खी विरोधी कीर्तन में जा बैठे। परिवर्तित हुआ मंदिर आज भी वैसा ही है।

                                                                                  -नामदेव न्यूज

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