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राजस्थान में जनता से छीना अधिकार, अब पार्षद ही चुनेंगे मेयर-चेयरमैन

 

जयपुर। राजस्थान में नगर निकाय प्रमुखों का चुनाव अब अप्रत्यक्ष रुप से कराये जायेंगे, जिसमें पार्षद नगर निगम में महापौर, निकाय सभापति एवं चेयरमैन चुनेंगे। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने आज यहां मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। श्री धारीवाल ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि निकाय प्रमुख का चुनाव अब अप्रत्यक्ष रूप से होगा।

उन्होंने कहा कि आज देश में असुरक्षा, जनता में भय आक्रोश एवं हिंसा का माहौल देखने को मिल रहा है तथा भाजपा जनता को जातिवाद में बांटने की कोशिश कर रही है। एक वर्ग को भी अलग करने की कोशिश की गई। हम चाहते है कि जनता में प्रेम एवं भाईचारा बना रहे। प्रत्यक्ष तरीके से चुनाव हुआ तो हिंसक घटनाएं हो सकती है। इसे रोकने के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव करने का निर्णय लिया गया हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जाती है। लेकिन हम राजस्थान में ऐसा नहीं होने देंगे और ऐसे में अप्रत्यक्ष तरीके से नगर निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन गहलोत सरकार ने ही नगर निकाय प्रमुखों के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से कराये जाने का फैसला लिया था और अब इसे मौजूदा गहलोत सरकार ने इसे पलट दिया। आगामी नवंबर में प्रदेश में नगर निकाय एवं निगमों के चुनाव होने वाले है।

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