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पूर्व राजघराने में मिथक टूटा, पांच पीढिय़ों बाद देखेंगे पौत्र का मुंह

jodhpur fort
जोधपुर। मारवाड़ रियासत के पूर्व राजपरिवार में लम्बे अरसे बाद सोमवार का सवेरा खुशियों की सौगात लेकर आया। इस परिवार में सोमवार को नए सदस्य का जन्म हुआ।

पूर्व नरेश की पुत्रवधू एवं शिवराज सिंह की पत्नी गायत्री कुमारी ने सुबह पुत्र को जन्म दिया। नए सदस्य के आगमन के साथ ही राजपरिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मारवाड़ के राजपरिवार में पांच पीढिय़ों के बाद यह पहला अवसर है जब दादा अपने पौत्र का मुंह देखेगा।
पूर्व नरेश गजसिंह के एक पुत्र शिवराजसिंह व पुत्री शिवरंजनी हैं। शिवराज सिंह की पुत्री वराह राजे का जन्म वर्ष 2011 में हुआ था। पूर्व नरेश गजसिंह इस समय दिल्ली में हैं और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। राज्य के उद्योग मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर सहित कई पूर्व रियासतों के राजा-महाराजाओं ने उन्हें फोन कर बधाई दी।

राजपरिवार की ओर से जारी सूचना में बताया गया कि जच्चा व बच्चा एकदम स्वस्थ हैं। पूर्व नरेश के निवास स्थान उम्मेद भवन पैलेस में खुशी का माहौल है। दरबार हाल में सभी ने एकत्र हो एक-दूसरे को मुंह मीठा कराया।
यह था मिथक
मारवाड़ के राजघराने में पांच पीढ़ी से किसी महाराजा को अपने पौत्र का मुंह देखने का अवसर मिला है। मारवाड़ के महाराजा सरदार सिंह का 31 वर्ष की अल्पायु में निधन हो गया। इसके बाद महाराजा सुमेरसिंह का 21 वर्ष की आयु में ही निधन हो गया। इस कारण उनके छोटे भाई उम्मेदसिंह को महाराजा बनाया गया।

महाराजा उम्मेद सिंह का 43 वर्ष की आयु में ही निधन हो गया। वहीं उनके पुत्र और गजसिंह के पिता महाराजा हनवंत सिंह का 29 वर्ष की आयु में एक हवाई हादसे में निधन हो गया। इस कारण ये लोग कभी अपने पौत्र का मुंह नहीं देख पाए। इसके बाद मारवाड़ में यह भ्रांति चल पड़ी कि यहां के महाराजा कभी अपने पौत्र का मुंह नहीं देख पाता है, लेकिन अब इस भ्रांति पर विराम लग गया है।
पोलो खेलते गिर गए थे शिवराज
पूर्व नरेश के पुत्र शिवराज सिंह फरवरी 2005 में जयपुर में एक पोलो मैच के दौरान घोड़े से नीचे गिर गए थे। इस कारण उनके सिर में गंभीर चोट आई। इसके बाद वे लम्बे अरसे तक कोमा में रहे और चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। बरसों लम्बे इलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में अब काफी सुधार हुआ है और वे आराम से चलने-फिरने लगे हैं।

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