जयपुर। राजधानी जयपुर का पाश इलाका विद्याधर नगर रविवार को लोक संस्कृति के रंग में रंगा नजर आया। एक तरफ आसमान छूते फ्लेट, मॉल और आलीशान बंगले तो दूसरी तरफ ठेठ राजस्थानी संस्कृति की धूम।
परम्परागत पहनावे में ग्रामीण क्षेत्रों से आए छीपा समाज बंधु थे तो कोट-पेंट टाई में सजे शहरी क्षेत्रों से आए समाज बंधु। यूं कहिए कि शहरी और ग्रामीण संस्कृति का मिलन हुआ। मौका था। श्री नामदेव छीपा समाज युवा समिति जयपुर की ओर से आयोजित सातवें सामूहिक विवाह सम्मेलन का।
महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय संस्थान में आयोजित सम्मेलन के कारण आसपास गजब की रौनक रही। खान-पान की रेहडिय़ों के साथ ही बच्चों के लिए गुब्बारे-खिलौने आदि बेचने वाले भी सम्मेलन स्थल के आसपास आ डटे। इससे मेले का माहौल नजर आने लगा। कहीं ढोल की थाप थी तो कहीं मंगल गीतों की गूंज।
51 जोड़ों के साथ आए परिजन विभिन्न रस्में भी निभाते नजर आए। दूल्हों के परिजन व रिश्तेदार ‘पडला’ पहुंचाने ढोल के साथ दुल्हनों के डेरे ‘जनकपुरी’ पहुंचे। दूल्हों के परिवार की महिलाओं ने ‘टूट्या’ निकालने की परम्परा भी निभाई। हर तरफ उमंग व उत्साह का माहौल था।