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सचिन पायलट की छुट्टी, दो मंत्री भी मंत्रिमंडल एवं पार्टी से निष्कासित

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित खाद्यमंत्री रमेश मीणा एवं पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को मंत्रिमंडल एवं पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। उनके स्थान पर शिक्षामंत्री गोविंद डोटासरा प्रदेशाध्यक्ष होंगे।

सूत्रों ने बताया कि विधायक दल की कल और आज हुई बैठकों में पायलट के अनुपस्थित रहने के बाद यह कार्रवाई की गई है। पायलट को बैठक में आने के लिये लिखित रूप से संदेश भेजा गया था, साथ ही उन्हें मनाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन वह नहीं माने। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी पायलट को समझाने में नाकाम रहे।

सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर पर पहली सीएलपी बैठक में पायलट शामिल नहीं हुए साथ ही अठारह अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी बैठक से दूरी बनाए रखी। जबकि अन्य दलों के निर्दलीय और पार्टी विधायकों ने भाग लेकर गहलोत के प्रति समर्थन व्यक्त किया।

अशोक गहलोत को विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहिए : कटारिया

 राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने राज्य सरकार को अल्पमत की सरकार बताते हुए कहा है कि गहलोत को विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहिए।

गुलाब चंद कटारिया ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि सरकार टूट गई है, कौन किसके साथ है यह सब विधानसभा में साबित हो सकता है। उन्होंने भाजपा पर खरीद फरोख्त के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस की आपसी खींचतान के कारण आज यह स्थिति बनी है। इसका भाजपा से कोई लेना देना नहीं है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डा़ सतीश पूनिया ने कांग्रस सरकार की तोड़फोड़ करने के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि भाजपा पर इसका ठीकरा फोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि इसकी असली वजह सचिन पायलट को किनारा करने का प्रयास है।

 

उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में यह नारा लगाया गया था कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो। इस नारे के साथ ही कांग्रेस सरकार पर ग्रहण लग चुका था। तथा अब उसका अंत होने वाला है।

डा पूनियां ने कहा कि कांग्रेस नीति विचार और व्यवहार से अप्रासंगिक हो गई है। उसके मुक्त होने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पायलट का मुख्यमंत्री बनना नैसर्गिक था, वह उन्हें नहीं मिला। कांग्रस में नेहरु, गांधी खानदान परिवार की चाटुकारिता को तरजीह दी जाती है। प्रदेश में भी यही स्थति हुई जिसके चलते पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिये मजबूर किया गया।

उन्होंने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार, कालाबाजारी बढ़ाने तथा काेरोना से निपटने में असफल बताते हुए कहा कि पिछले काफी समय से सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। दो कांग्रेस नेताओं के घर और प्रतिष्ठानों में आयकर विभाग की कार्रवाई के बारे में पूनियां ने कहा कि छापे में कई दस्तावेज सामने आए हैं, जिससे यह साबित हो जाएगा कि विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए काफी धन राशि एकत्रित की गई थी।

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