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पहले शाही स्नान के साथ सिंहस्थ शुरू

 

भोपाल। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शुक्रवार को बुधादित्य योग में अमृतमयी मोक्षदायिनी शिप्रा में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती और नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरू हो गया। सबसे पहले पंच दशनाम जूना अखाड़ा, पंचायती आवाहन अखाड़ा और पंचायती अग्नि अखाड़े के साधु-संतों ने दत्त आखाड़ा घाट पर सुबह 6 बजे स्नान किया। इसके बाद से सभी अलग-अलग अखाड़ों का शाही स्नान किये। फिर लाखों श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला जारी है।

शिप्रा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार शुक्रवार सुबह 6 बजे मेष लग्न में अमृत स्नान का आरंभ हुआ।
मेष राशि में सूर्य व बुध का होना, उच्च बुधादित्य योग बना रहा है। इसके साथ ही सिंह राशि में बृहस्पति व राहु का दृष्टि संबंध भी बन रहा है। यह योग धर्म व आध्यात्मिक उन्नति के लिए सबसे श्रेष्ठ है। अल सुबह पांच बजे से शंकराचार्य और अखाड़ों के प्रमुख साधु-संत पारंपरिक रूप से रथ पर सवार होकर शिप्रा तट पर पहुंचे।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (दत्त अखाड़ा) बडऩगर उज्जैन- यह अखाड़ा स्नान के लिये भेरूपुरा, हनुमानगड़ी, शंकराचार्य चौक होते हुए छोटीरपट, केदारघाट, एवं दत्तअखाड़ा घाट पहुंचा। वैष्णव अखाड़े और अणि अखाड़े के साधु संत भी शिप्रा तट पर पहुंचर शाही स्नान किया। स्वामी अवधेशानंद, पाइलट बाबा, महामंडलेश्वर शिवांगीनद और पंडित जसराज ने भी स्नान किया। पाइलट बाबा के साथ विदेशी भक्त भी शाही स्नान के लिए पहुंचे थे। सुबह 7.25 पर निरंजनी अखाडा शंकराचार्य चौराहे से आगे बढ़ा।
सभी अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक शोभयात्रा के साथ शिप्रा तट की ओर बढ़ते रहे। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर संतों के दर्शन को भक्तों की भीड़ लगी रही। विवादित संत नित्यानन्द अपने साथ सबसे ज्यादा विदेशी भक्तों के साथ शिप्रा में डुबकी लगाई।
शाही स्नान

22अप्रैल2016 (शुक्रवार) – शाही स्नान
3मई2016 (मंगलवार) – व्रतपर्व वरुथिनी, एकादशी व्रत
6मई2016 (शुक्रवार) – स्नान पर्व
9मई2016 (सोमवार) -शाही स्नान
11मई2016 (बुधवार) -शंकराचार्य जयंती
15मई2016 (रविवार) -वृषभ संक्रांति पर्व
17मई2016 (मंगलवार) – मोहिनी एकादशी पर्व
19मई2016 (गुरुवार) -प्रदोष पर्व
20मई2016 (शुक्रवार) – नृसिंह जयंती पर्व
21मई2016 (शनिवार) -शाही स्नान