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दसवीं बोर्ड परीक्षा में नकल कराने आए कोचिंग संचालक बुरे फंसे

इंदौर। माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में नकल कराने आये दो कोचिंग संचालकों को बुधवार को जिला प्रशासन की टीम ने धरदबोचा। दरअसल प्रशासन की ये कार्रवाई इंदौर कलेक्टर पी. नरहरि के निर्देश के बाद शुरू हुई।

जिसमें सभी एसडीएम आज मैदान में दिखे। और जब एसडीएम मैदान में उतरे तो कई खामियां भी सामने आई। कहीं पर परीक्षा केंद्र छोटा निकला तो कहीं शिक्षा माफिया चीटिंग की सामग्री लेकर अपने सेंटर के बच्चों को मदद करने के आतुर नजर आए।

दरअसल शिक्षा माफिया हर साल अपने ही अंदाज में शिक्षा जगत की साख पर बट्टा लगा रहे हैं जिसमें कभी परीक्षा केंद्र तो कभी शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी मिली भगत में शामिल होते आए हैं।

बुधवार को की गई कार्रवाई के दौरान सदर बाजार थाना क्षेत्र के कला विद्या मंदिर सेंटर के बाहर विनायक कोचिंग सेंटर के संचालक नकल की तैयारी कर रहे थे। इसके पहले ही एसडीएम सोनी की टीम पहुँची और राधेश्याम और पप्पू सिंह नाम के युवकों को नकल पर्ची सहित पकड़कर सदरबाजार पुलिस के हवाले कर दिया।

दरअसल आज सामजिक विज्ञान का पेपर था जिसमे नकल पर्चियां लेकर नकल कराने के लिए दोनों युवक आए थे।

इसी तरह एक अन्य स्थान पर प्रशासन को खामी नजर आई और तुरन्त उस केंद्र को भविष्य में परीक्षा की जिम्मेदारी नही देने की बात की टिप लिखी गई।

यह केंद्र इंदौर के सुखलिया क्षेत्र का मदरलैंड स्कूल है। इस स्कूल का परिसर छोटा होने के चलते जांचकर्ता अधिकारी ने कार्रवाई की।

हालांकि ये स्कूल किसी भाजपा नेता का बताया जा रहा है जिसे लेकर पूर्व में भी शिकायते शिक्षा विभाग को की गई थी लेकिन किशोर शिंदे जैसे भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियो ने ऐसे केंद्रों को पनपने दिया जो आकार में तो छोटे है लेकिन उनके काम बड़े बड़े है।

फिलहाल ऊँट के मुंह में जीरा समान कार्रवाई कर भले ही प्रशासन अपनी कॉलर खड़ी कर ले लेकिन शिक्षा विभाग पर उठे ये सवाल अभी भी सवाल ही हैं।