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31 साल की कम्प्यूटर इंजीनियर भावना बनेंगी साध्वी, अपनाई वैराग्य की राह


सीहोर। जब मन में वैराग्य की लौ जलती है तो फिर संसार की हर वस्तु उसके सामने मिट्टी पत्थर लगने लगती है। सीहोर की इंजीनियर भावना धाड़ीवाल (31) में भी ऐसी ही लौ जल चुकी है। वह सांसारिक सुख को त्याग कर श्वेताम्बर जैन समाज की साध्वी बनने जा रही हैं।

 

आष्टा निवासीे बीई कंप्यूटर साइंस पास भावना धाड़ीवाल का दीक्षा से पूर्व बर्षीदान का बरघोड़ा धूमधाम से निकला। रथ में सवार भावना धाड़ीवाल पूरे मनोयोग से सांसारिक सामग्री श्रावक-श्राविकाओं पर लुटाती जा रही थीं।

 

भावना की साध्वी बनने की दीक्षा 14 मार्च को आष्टा के मानस भवन में आयोजित होगी। यह दीक्षा 11 मार्च से शुरू होगी और 14 मार्च को पूर्ण होगी।

भावना धाड़ीवाल उज्जैन से वर्ष 2010 में बीई कंप्यूटर साइंस पास करने के बाद तीन साल निजी इंजीनियरिंग कालेज में लेक्चरर रहीं। पढ़ाई के दौरान जब आष्टा में अपने घर आती थी तो वह नियमित श्वेताम्बर जैन समाज के मंदिर जाती थीं। इस दौरान वे मंदिर में आई साध्वी पदमलता श्रीजी के सम्पर्क में आईं। एक दिन भावना ने साध्वी से पूछा कि क्या मैं आपकी तरह नही बन सकती हूं। उत्तर मिला कि इसके लिए कठिन नियम का पालन जरुरी है और यही मोक्ष मार्ग पर चलने का संकल्प है।

बस इसी सूत्र को भावना ने जीवन पथ का अंतिम ध्येह बनाकर परिजन से साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की। पहले तो परिवार अवाक रह गया मगर वक्त के साथ धीरे धीरे परिजन सहमत हो गए। अब धाड़ीवाल परिवार की इंजीनियर बेटी घर-परिवार रिश्ता-नाते धन दौलत, सुख-दुःख, और सांसारिक सुविधाओं का आजन्म परित्याग कर दीक्षा ग्रहण करेगी।