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जेल में भाई ने किया राखी बंधवाने से इंकार तो जेलर ही बन गए भाई

बैतूल । मध्यप्रदेश के बैतूल जिला जेल में रक्षाबंधन के दिन एक अनोखा नजारा देखने को मिला। जेल में कैद एक भाई ने जब आपसी गलतफहमियों के चलते अपनी बहन से राखी बंधवाने से इंकार कर दिया, तो जेलर स्वयं रोती-बिलखती बहन से राखी बंधवाने आगे आ गए। दुखी और मायूस बहन भी इस भावनात्मक सम्बल से चकित रह गई और खुशी-खुशी अपने घर लौटी।

जेल सूत्रों ने बताया कि जिला जेल में हर साल की तरह कल भी रक्षाबंधन मनाया जा रहा था। इसी बीच जेलर योगेंद्र पंवार ने देखा कि एक बहन काफी इंतजार के बाद रोते-बिलखते वापस होने को है। यह देख उन्होंने महिला से रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसका भाई यहां गैर इरादतन हत्या के मामले में बंद है। वह उसे राखी बांधने आई है, लेकिन भाई ने राखी बंधवाने से साफ इंकार कर दिया है।

पूछताछ में पता चला कि कुछ पारिवारिक कारणों से भाई-बहन के बीच खटास आ गई थी। यह सुनकर जेलर पंवार स्वयं उस महिला के भाई को बुलाने गए, लेकिन वह तब भी नहीं आया। इस व्यवहार से बेहद मायूस बहन वहां से जाने लगी, लेकिन तभी जेलर ने स्वयं अपना हाथ आगे बढ़ा दिया। भाई ने भले ही राखी बंधवाने से इंकार कर दिया पर महिला लौटते-लौटते भी जेलर से यह कहना नहीं भूली कि वे उनके भाई का ध्यान रखें।

इस बारे में जेलर श्री पंवार ने कहा कि उनका ज्यादा समय तो जेल और कैदियों के बीच ही गुजरता है। इतनी उम्मीदें और इच्छाएं लिए दूर से आई बहन जब मायूस होकर लौट रही थी तो उन्हें बेहद बुरा लगा और इसलिए उन्होंने उससे राखी बंधवाने का फैसला किया। जिला जेल में कल 128 बंदियों को उनकी बहनों ने राखी बांधी। इस दौरान 337 परिजन जिला जेल पहुंचे।

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