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जरा हटके…महाकाल मंदिर में चढ़े टनों फूलों से बनेगी जैविक खाद


उज्जैन। भूतभावन महाकाल मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक स्वरयंभू एवं दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन महाकाल के दर्शन करने आते हैं। लेकिन यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महाकाल मंदिर में चढ़ाए जाने वाले फूलों एवं पत्तियों से मंदिर परिसर में ही जैविक खाद तैयार की जाती है। यह जैविक खाद 150 रूपये किलो एवं 1500 क्विंटल की दर पर पैकिंग करके इंदौर भेजी जाती है। इस जैविक खाद का फसलों में उपयोग करने से जहाँ जमीन की उर्वरक शक्ति बढ़ती है, वहीं रासायनिक खाद की अपेक्षा पोषण तत्वों से भरपूर खाद का उत्पाटदन भी होता है।

बाबा महाकाल को चढ़ाये जाने वाले फूलों एवं पत्तियों के सदुपयोग के लिए इसी शिवरात्रि से जैविक खाद बनाने के लिए 18 लाख रुपये की लागत से एक कंपोजटिंग मशीन की स्थापना की गई। यहां प्रतिदिन लगभग 600 किलो फूल एवं पत्तियां चढ़ाई जाती हैं। इन फूलों और पत्तियों को मिलाकर रखने पर 10 दिन में जैविक खाद बन जाती है। खाद की आकर्षक तरीके से पैकिंग करके इसे इंदौर के बाजारों में विक्रय के लिए भेज दिया जाता है। इस जैविक खाद की डिमाण्ड दिनों-दिन बढ़ रही है।