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यहां होली से पहले घर से भाग जाते हैं प्रेमी जोड़े

सीहोर जिले में बिखरा भगौरिया का रंग
सीहोर। जिले में आज भी पुरानी रस्में और प्रचलित परम्पराओं को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता रहती है। होली के पास आते ही सबके मन को बसंत तो भाने ही लगता है साथ ही आदिवासियों का पर्व भगौरिया भी याद आ ही जाता है।
बताया जाता है की पर्व भगौरिया जिले के लाडकुई और आसपास के अलावा बिलकिसगंज और वीरपुर में पूरे उत्साह के साथ काफी लम्बे समय से बनाया जाता रहा है इस बार आदिवासियों का पर्व भगौरिया पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। चर्चा है की भगौरिया पर्व के दौरान पहले कुछ नवयुवक और नवयुवतियां अपने पसंद के जीवन साथी को तलाश कर उनके साथ भाग जाते है और कुछ दिनों के बाद शादी कर होली के बाद वही स्थान पर मिलते है।

होली के पहले सीहोर जिले के ग्रामों में भगौरिया पर्व की धूम रहती है। पर्व के दौरान आदिवासी लोगो के मस्ती में रहे लोगों के चित्र एकत्र किए गए हैं, लोग बता रहे हैं कि इस साल भी भगौरिया की धूम सभी आदिवासी ग्रामो मे रहेगी।

मेले मे मिलते है दिल
पारंपरिक रंगीन कपड़ों में सजे-धजे नौजवान लोगों को इस तरह से मेले में अपने जीवनसाथी को ढूंढ़ते हुए देखना वाकई में एक रोमांचकारी अहसास है। मेले के दौरान कुछ आदिवासी लोग बांसुरी बजाते हैं और अपने-अपने खेल-तमाशे दिखाते हैं। वहीं पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र मंदल और ढोल की थाप पर नाचते-गाते हैं। भगोरिया के मेले में जब जींस पहने और चश्मे लगाए नौजवान दिखते हैं तो उनमें आधुनिक दुनिया की भी झलक दिखती अनेक टोलियां भगौरिया मे आती है लोग बड़े-बड़े ढोल तैयार कर लाते है

ऐतिहासिक रहा भगोरिया हॉट
जिले के बिलकिसगंज क्षेत्र मे भगोरिया हॉट ऐतिहासिक रहा यहाँ पर्व आदिवासी परंपरा के अनुसार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया।
आदिवासियों ने इकठ्ठा होकर हायर सेकेंडरी स्कूल में जुलूस का शुभारंभ किया।
इस जुलूस मे आदिवासी ग्राम पाटनि, भीलखेड़ा, सालीखेड़ा, निबुखेड़ा,रतना खेड़ी, जिवनताल, चारमंडली, खामखेड़ा, खारी , सहित आदि गांव के महिला पुरुष वेशभुषा मे शामिल हुए। आदिवासियों ने बेंड बाजो की धुन पर जमकर नृत्य किया।एवं जुलूस मे शामिल हुए। इस जुलूस मे कई कई लोग शामिल हुए भागोरीया हॉट का आनंद लिया। कुल मिलाकर इस साल भी भगौरिया पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जारह है।