News NAZAR Hindi News

ऐतिहासिक फैसला आने से पहले राम की नगरी अयोध्या पर पहरा सख्त

अयोध्या। दशकों से लंबित विवादित रामजन्मभूमि मामले के फैसले की घड़ी नजदीक आने के साथ अयोध्या में एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं।

उच्चतम न्यायालय में विवादित रामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी हुई थी जबकि इस मामले का ऐतिहासिक फैसला नवम्बर में आने की उम्मीद है।

पुलिस सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि विवादित श्रीरामजन्मभूमि परिसर में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई है। हाईवे से लेकर सरयू नदी के पुल और शहर के आंतरिक मार्गों से लेकर रामकोट तक चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने नब्बे के दशक में चरम पर रहे मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों के जुलूस को रोकने लिए बनाई गई सभी सुरक्षा चौकियों को पुर्नजीवित कर दिया है।

श्रीरामजन्मभूमि के अधिग्रहीत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को अलग-अलग जोन/कार्डन में विभक्त कर फुल प्रूफ सुरक्षा पहले से की गई थी। मेकशिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला आइसोलेशन जोन में आता है जिसकी सुरक्षा में केन्द्रीय सुरक्षा बल तैनात हैं। इसके अलावा 70 एकड़ के अधिग्रहीत परिसर को रेड जोन माना गया है। यहां भी त्रिस्तरीय बैरीकेडिंग के साथ पर्याप्त सुरक्षा है।

केन्द्रीय सुरक्षा बल के अलावा सिविल पुलिस एवं पीएसी संयुक्त रूप से तैनात है। अधिग्रहीत परिसर के बाहर सम्पूर्ण पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को यलोजोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में सिविल पुलिस तैनात है। यहां पर मण्डल भर के थाना एवं चौकियों के जवानों की ड्यूटियां एक माह के लिए क्रमश: लगाई जाती है।

सूत्रों ने बताया कि दीपोत्सव पर्व पर तो सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए ही गए हैं लेकिन इसके अतिरिक्त अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फैसले के बाद सुरक्षा व्यवस्था के लिये शासन से अतिरिक्त फोर्स मांगी गई है जिसमें दस एएसपी, 25 डिप्टी एसपी, 25 निरीक्षक, 125 उपनिरीक्षक, 700 आरक्षी, 45 महिला उपनिरीक्षक, 100 महिला आरक्षी, 14 उपनिरीक्षक यातायात, 13 मुख्य आरक्षी यातायात, 85 आरक्षी यातायात के अलावा छह कम्पनी पीएसी, दो कम्पनी आरएएफ, एक कम्पनी बाढ़ राहत पीएसी सहित भारी भरकम पुलिस भी शामिल हैं।