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डीजल-पेट्रोल संकट, दो कंपनियों ने की 1 लाख लीटर पेट्रोल की कटौती

लखनऊ। राजधानी में डीजल -पेट्रोल का संकट बना हुआ है। ग्राहकों को जरूरत भर का पेट्रोल या डीजल नहीं मिल पा रहा है। लखनऊ में दो प्रमुख कंपनियां पेट्रोल में 90 हजार लेकर एक लाख लीटर तक तथा डीजल में 70-80 हजार लीटर तक कटौती कर रही हैं। यही नहीं कंपनियों ने उधार तेल देने से भी मना कर दिया है। शहरी इलाकों के पम्पों पर मांग के मुताबिक ग्राहकों को तेल नहीं मिल पा रहा है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में पेट्रोल और डीजल की किल्लत बनी हुई है।

हरदोई रोड स्थित एचपीसीएल कंपनी के एक पम्प पर बीते दो दिनों से शाम के समय डीजल-पेट्रोल खत्म हो जाता है। इससे लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां के मैनेजर बताते हैं कि डिपो से तेल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसलिए एक शिफ्ट में तेल दिया जा रहा है और रात में पम्प बंद हो जाता है। रहमानखेड़ा स्थित पम्प पर कार में पेट्रोल भरवाने गए विशाल शुक्ला ने बताया कि पेट्रोल पंप में नार्मल पेट्रोल नहीं मिल रहा। इसकी जगह लोगों को प्रीमियम एक्स पी 95 पेट्रोल भरवाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं लखनऊ – सुल्तानपुर रोड सेखनापुर गांव के पास स्थित एक निजी कम्पनी के पेट्रोल पम्प पर दो दिनों से लोगों को पेट्रोल नहीं मिल रहा है।

तेल संकट को देखते हुए कई पेट्रोल पम्प हाथ खींच कर पेट्रोल व डीजल दे रहे हैं। टंकी फुल करने स बच रहे हैं। वहीं तेल कम्पनियों का दावा है कि डीजल पेट्रोल की आपूर्ति सामान्य है। सभी को उनकी डिमांड के अनुसार तेल मिल रहा है।

 

जानकारों के अनुसार तेल कम्पनियां पेट्रोल पम्प के तेल कोटे में 15 से 20% की कटौती कर रही हैं। राजधानी में तीनों बड़ी तेल कम्पनियों को मिलाकर रोजाना पेट्रोल की खपत करीब 10.5 लाख लीटर और डीजल की खपत करीब 9.67 लाख लीटर के आस-पास है। इसमें से दो कम्पनियां 90 हजार लीटर से लेकर एक लाख लीटर के आसपास पेट्रोल और करीब 70 से 90 हजार लीटर डीजल की कटौती हो रही है।

लखनऊ के एक बड़े पम्प के मालिक ने बताया कि कंपनियां अब सीधे पहले रकम मांग रही हैं। पहले आउट स्टैण्डिंग (उधार) पर माल मिल जाता है। अब कंपनियाों ने उधार बंद कर दिया है। यही कारण है कि कई पम्पों के पास पैसा नहीं है। जितना पैसा है उतना ही तेल मंगवा रहे हैं। इस कारण कुछ पंपों पर दिक्कत है।