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दो हजार के नकली नोटों के साथ पकड़ा गया कारोबारी, बैंक में जमा करने पहुंचा था 2.85 करोड़ रुपए

आगरा। छीपीटोला स्थित भारतीय स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट में बुधवार को दो हजार के 13 नकली नोट के साथ कारोबारी का बेटा पकड़ लिया गया। वह फर्म के 2.85 करोड़ रुपये जमा कराने आया था। इसमें दो हजार रुपये के नोट थे। बैंक कर्मियों की गिनती में 13 नोट नकली निकले। मामले में बैंक मैनेजर ने थाना रकाबगंज में तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

कमला नगर निवासी गिरीश बंसल की चौबेजी का फाटक में एजी ऑर्नामेंट के नाम से फर्म है। बुधवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे कारोबारी का बेटा हर्षल बंसल भारतीय स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट में पहुंचा। करेंसी चेस्ट में कारोबारी बड़ा कैश जमा करते हैं। हर्षल ने बैंककर्मियों को 2.85 करोड़ रुपये दिए। नोट दो हजार के थे। कर्मचारियों ने मशीन से कैश गिनना शुरू किया। मशीन ने एक-एक करके 13 नोट बाहर कर दिए। कर्मचारियों की जांच में नोट नकली निकले। कारोबारी का बेटा कोई जवाब नहीं दे पाया। मामले की जानकारी मैनेजर अशोक कर्दम ने पुलिस को दी

एक दिन पहले भी निकले थे तीन नोट नकली

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि हर्षल बंसल मंगलवार को भी करेंसी चेस्ट में कैश जमा करने आए थे। उनके पास से दो हजार के तीन नोट नकली निकले थे। इस पर नोट कैंसल कर दिए गए थे। उन्हें चेतावनी दी गई थी। अब उनके पास से 13 नोट नकली मिले हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

…तो बैंक कर्मियों पर दर्ज होता मुकदमा

बैंक मैनेजर ने पुलिस को बताया कि आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, पांच से अधिक नकली नोट निकलने पर मुकदमा दर्ज कराने का प्रावधान है। अगर, नोट नहीं पकड़े जाते हैं तो बैंक कर्मियों को जिम्मेदार माना जाता है। यह आरबीआई के करेंसी चेस्ट में पकड़े जाते हैं। इस पर संबंधित बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है। अब ग्राहक के पास से मिले हैं। इस पर ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई होगी।

डीसीपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि बैंक मैनेजर की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कारोबारी के बेटे के पास से दो हजार के 13 नोट नकली मिले हैं। पुलिस नकली नोट चलाने की धारा में मुकदमा दर्ज कार्रवाई करेगी। उधर, पुलिस की पूछताछ में हर्षल बंसल का कहना था कि उन्हें कैश ग्राहकों से मिला है। वो कैश को नहीं पहचान पाए। इस कारण जमा करने पहुंच गए। उन्हें असली-नकली की पहचान नहीं हो पाई। अगर, ऐसा होता तो वो बैंक नहीं आते।