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 ज्वैलरी कारोबार तीन दिन का बंद, बजट में नए करों का विरोध

जोधपुर\अजमेर। आम बजट में छह करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाले आभूषण निर्माताओं पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी और एक फीसदी टीसीएस यानी टैक्स एट केश सेल के विरोध में बुधवार से ज्चैलरी कारोबार तीन दिन की हड़ताल पर चले गए। ज्वैलरी कारोबारियों का कहना है कि यह तीन दिन का बंद अभी सांकेतिक है। हालांकि जोधपुर में यह बंद आंशिक रहा। कई स्थानों पर सोने-चांदी की दुकानें खुली रही। अजमेर में बंद सफल रहा।
केंद्र सरकार ने दो दिन पहले आम बजट में आभूषण निर्माताओं के लिए भी नए कर लगा दिए थे। इसके तहत छह करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाले आभूषण निर्माताओं पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी और एक फीसदी टीसीएस का नियम लागू किया गया है। इस नियम के विरोध में पूरे देश में आज से तीन दिवसीय ज्वैलरी कारोबार बंद रखने का आह्वान किया गया था। जोधपुर में भी सोने-चांदी से जुड़े अधिकांश कारोबारियों ने अपने व्यवसाय बंद रखे। सुनारों का बास, घोड़ों का चौक, सोजती गेट, मेड़ती गेट, हाथीराम का ओडा आदि स्थानों पर कई दुकानें बंद तो कई खुली रही। बंद को लेकर ज्वैलरी व्यवसायियों में असमंजस की स्थिति रही।
ज्वैलरी कारोबारियों का कहना है कि ज्वैलरी उद्योग पर एक्साइज कानून थोपा गया है। ज्वैलरी कारोबार संगठित सेक्टर में नही आता है। इसमें छोटे कारीगर व व्यापारी घरों से काम करते है, कुछ ही माल फैक्ट्रियों में बनता है। उसके बाद मिनाकारी, पॉलिश इत्यादि के लिए छोटे सुनारो के हाथों से गुजरता है। ऐसी स्थिति में एक्साइज के नियम का पालन होना संभव ही नही है। वर्तमान में सर्राफा बाजार में कारोबार में कमी से परेशान है। इसके बावजूद बजट में ज्वैलरी उद्योग नए कर थोप दिए गए। ज्वैलरी पर पहले से वैट, पैन कार्ड की अनिवार्यता है। सरकार के ताजा कदम से ज्वैलरी उद्योग में बेरोजगारी बढ़ेगी।