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टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री जाएंगे हाईकोर्ट


मुंबई। टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री ने जहां हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। वहीं चर्चा है कि उन्हें टाटा की प्रमुख कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टीसीएस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस और टाटा पावर से भी हटाने का विचार चल रहा है।

हालांकि मिस्त्री को हटाए जाने के बाद चयन समिति ने चार महीनों के लिए रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है और नया चेयरमैन बनाने के लिए एक समिति बना दी गई है। अब नया चेयरमैन कौन होगा,इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
बताया जाता है कि परंपरागत रूप से, टाटा संस का चेयरमैन ही समूह की कंपनियों का प्रमुख होता है।

साइरस मिस्त्री को बाहर का रास्ता कैसे दिखाया जाएगा, ये अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाया जाना मिस्त्री परिवार के लिए एक झटका है। मिस्त्री परिवार का टाटा में करीब 16-18 फीसदी हिस्सेदारी है, जो कि उन्हें सबसे बड़ा व्यक्तिगत शेयरधारक बनाता है और ये गैर-टाटा शेयरधारक भी हैं। इसी बीच चेयरमैन पद से हटाए जाने से नाराज साइरस मिस्त्री ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है।
मिस्त्री को वर्ष 2011 में कंपनी में चेयरमैन रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था और उन्होंने रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद 29 दिसंबर 2012 को चेयरमैन का पद भार संभाला था। मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं।

मिस्त्री टाटा समूह के छठवें अध्यक्ष थे और नोरोजी सक्लात्वाला के बाद दूसरे ऐसे अध्यक्ष, जिनके नाम में टाटा नहीं था। मिस्त्री ने रतन टाटा से अध्यक्ष पद की कमान ऐसे वक्त में ली थी, जब टाटा समूह की कई कंपनियों का हाल बुरा था और उनकी सबसे बड़ी चुनौती अंतर्राष्ट्रीय इस्पात कारोबार को तंगहाली से निकालना और अन्य कारोबारों को एकजुट रखना था। अब टाटा समूह के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री ने कोर्ट का रुख करने का संकेत दिया है।