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लो, सस्ती हो गई P O S मशीनें, आप भी लगवाएं

 

 

नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार कैशलेस (नकदविहीन) लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन की निर्माण को सस्ता कर दिया है।

पीओएस मशीन की निर्माण से सरकार ने 12.5 फीसदी उत्पादकर और चार फीसदी की अतिरिक्त ड्यूटी को हटा दिया है। यह कदम 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद रिटेल स्टोर्स की ओर से बैंकों पर पीओएस मशीनों की मांग बढ़ गई है।

गौरतलब है कि सितम्बर 2012 में कुल पीओएस मशीन 7.41 लाख थीं, जो कि सितम्बर 2016 में बढ़कर 14.96 लाख हो गईं। बैंकर्स के मुताबिक पीओएस मशीनों का इंस्टॉलेशन तेजी से बढ़ रहा है। यह ट्रेंड बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी देखने को मिल रहा है।

स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) के इकोनॉमिक रिसर्च डिपॉर्टमेंट की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सितम्बर 2016 तक 15 लाख पीओएस टर्मिनल हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 2.1 करोड़ करनी है। ऐसा होने के बाद लोगों को क्रेडिट, डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सकेगा।

पीओएस मशीन के जरिए कार्ड स्वैप करने की सुविधा मिलती है। यदि सरकार इतनी बड़ी मात्रा में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर पाती है तो लोगों के लिए कार्ड से भुगतान करना आसान हो पाएगा।