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500 व 1000 का नोट बंद होने से देशभर में हाहाकार, सोना महंगा


नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार का नोट बंद करके देशभर में खलबली मचा दी है। बाजार में हाहाकार मचा है। लोगों की रातो की नींद उड़ गई। सोना 4 हजार रुपए महंगा हो गया। रात से ही टोल प्लाजाओं पर जाम लग गए। पेट्रोल पम्पों पर भीड़ है। व्यापार जगह स्तब्ध है। आम आदमी भी अपनी जमा पूंजी को लेकर परेशानी में पड़ गया है। हर तरफ सौ-सौ के नोटों की पूछ हो रही है।

टोल प्लाजा पर 500-1000 के नोट से जाम
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर लगा लंबा जाम। टोल प्लाजा पर 500 और 1000 के नोट ना लेने के चलते लगा लंबा जाम।

सोना हुआ महंगा


सोना हुआ महंगा, सोने की कीमत 30 हजार से बढ़कर 34 हजार हुई।

शेयर बाजार में भारी गिरावट

500 व 1000 रुपए के नोटों के चलन पर मंगलवार की रात से पाबंदी लगाए जाने के बाद बुधवार की सुबह शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में 1500 तो निफ्टी में 468 अंकों की गिरावट देखी गई। बाजार शुरु होने के बाद सेंसेक्स 1000 अंक की गिरावट पर आकर रुक गया।

गौरतलब है कि मंगलवार की रात को मोदी सरकार ने 500 व 1000 रुपए के नोटों के चलन पर रोक लगाने का ऐतिहासिक ऐलान किया। सरकार के इस अप्रत्याशित निर्णय से भारतीय घरेलू बाजारों पर इसका व्यापक असर हुआ है। दूसरी ओर कहा जा रहा है कि अमेरिका में हो रहे चुनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। यहां उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि जहां शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं सोने के भाव में 4 हजार रुपए प्रति तोला वृद्धि हुई है। सुबह निफ्टी फ्यूचर्स सिंगापुर एक्सचेंज पर 148 अंक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था तो भारतीय घरेलू बाजार भी रेड जोन में आ गए और सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

नीतीश कुमार ने की सराहना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने पर केंद्र सरकार के इस रुख की सराहना की।

 

करेंसी मार्केट में आज रुपया
करेंसी मार्केट में आज रुपया 66.62 प्रति डॉलर के मुकाबले 66.80 प्रति डॉलर पर खुला।

 

वीरभद्र ने किया पांच सौ और एक हजार के नोट बंद करने का स्वागत
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते रात गई गई 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा का मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्वागत किया है। वीरभद्र सिंह ने इस फैसले को दमदार करार दिया है। उन्होने कहा कि इससे काले धन की समस्या को रोकने के लिए मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हालांकि छोट व्यापारी, दिहाड़ीदार, कर्मचारी और किसानों जैसे अन्य लोग जो पैसे का लेनदेन करते हैं, उनका उचित समय मिलना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि बैंकों में पर्याप्त सुविधाएं आगामी दिनों में होनी चाहिए। जिससे जनता को पैसा बदलने में कोई समस्या नहीं हो। वहीं रात को जैसे ही यह 500 और 1000 के नोटों के बंद होने की घोषणा हुई, माल रोड पर दुकान दारों ने इस नोटों को लेने से मना कर दिया। जबकि कुछ दुकानदार लेनदेन कर रहे थे। वहीं शिमला स्थित पेट्रोल पम्पों ने भी तेल देने के लिए आना-कानी कर रहे हैं। शिमला शहर में स्थित एक पैट्रोल पम्प पर तेल डालने एक युवक पहुंचा तो पहले पम्प ने तेल न होने का वहाना लगाया और बाद में कहा कि पांच सौ और एक हजार के नोट नहीं चलेंगे

 

500 और 1000 के नोट बंद होने से व्यापार जगत स्तब्ध
मेरठ। केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट अचानक बंद करने से कारोबार जगत स्तब्ध है। व्यापारी नेताओं ने भारत सरकार के इस फैसले को कारोबार को तबाह करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन नोटों पर रोक लगाने से पहले वैकल्पिक करेंसी पेश करनी चाहिए थी। इससे आम आदमी ज्यादा परेशान होगा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय महामंत्री लोकेश अग्रवाल गा कहना है कि कई तरह के दावों के बाद भी केंद्र सरकार जाली नोटों पर अंकुश नहीं लगा पाई और ना ही काले धन का प्रवाह रोक पाई। 500 और 1000 के नोट बंद होने से कारोबार पूरी तरह से डूब जाएगा। इस कदम के दूरगामी नकारात्मक प्रभाव होंगे। केंद्र सरकार को एकदम से ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे व्यापारी पूरी तरह से ठहर जाएगा और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। रीयल स्टेट समेत कई कारोबार में पहले से ही मंदी है। अब बड़े नोट बंद होने से इसका बुरा असर पड़ेगा। नोटों को जमा करने का 50 दिन का समय पर्याप्त है। व्यापारी नेता गोपाल अग्रवाल का कहना है कि एकाएक 500 और 1000 के नोट बंद होने से देश में आर्थिक अव्यवस्था फैल जाएगी। इससे व्यापारियों का भारी नुकसान होगा। सरकार ने जल्दबाजी में बिना सोचे-समझे कदम उठाया है। इसका समाज पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। काले धन के प्रवाह को थामने के लिए सरकार को दूसरे कड़े कदम उठाने चाहिए थे। संयुक्त व्यापार संघ के महामंत्री अरूण वशिष्ठ ने केंद्र सरकार के इस कदम की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जाली करेंसी को रोकने और काले धन को बाहर लाने के लिए यह बहुत अच्छा कदम है। बड़े नोटों का चलन रोक देने से काले धन के सौदागारों को अपना ब्लैक मनी बाहर लाकर सरकार के पास जमा कराना पड़ेगा। इससे समाज में काले धन की आवक खत्म होगी। व्यापारी भी इससे साफ-सुथरा हो जाएगा और आम जनता के सामने पारदर्शिता आएगी।  वहीं खबर फैलते ही पेट्रोल पंप और एटीएम पर लोगों की भीड़ टूट पड़ी है। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि केंद्र सरकार यह फैसला सही है, लेकन इसको लागू करने का तरीका गलत है। उन्होंने कहा कि इससे व्यापार और उद्याोग कुछ दिनों के लिए ठप हो जायेगा।