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भक्तों से नकदी नहीं सोना लेते हैं ‘गोल्डन बाबा’

नामदेव न्यूज डॉट कॉम
उज्जैन। सिंहस्थ कुंभ में एक से बढ़कर एक आकर्षण के केंद्र हैं। इन्हीं में एक हैं ‘गोल्डन बाबा’। नाम सुनकर आप चौंक गए होंगे। नाम के अलावा अन्य खासियतें जानकार आप और ज्यादा हैरान होंगे। करोड़पति बाबा गोल्डन पुरी के ज्यादातर अनुयायी गरीब तबके के लोग हैं। हालांकि, इसके अलावा बाबा के विदेशी भक्त भी है, जिनमें लड़कियां भी शामिल है। वे भक्तों से नकदी की जगह सोना लेते थे। इससे पहले वे 2007 और फिर 2012 में प्रयाग में हुए कुम्भ मेले में भी शामिल हुए और लोगों में चर्चा का केंद्र बिंदु रहे। www.newsnazar.com
करोड़ों की कीमत के सोने के गहनों पहनने के कारण गोल्डन बाबा कहा जाता है। दरअसल, गोल्डन बाबा दिल्ली के गांधीनगर थाने के हिस्ट्रीशीटर सुधीर उर्फ बिट्टू भगत हैं। मीडिया में रिपोर्ट के मुताबिक, सुधीर उर्फ बिट्टू भगत के खिलाफ अपहरण और फिरौती समेत तरीबन 34 मामले विचाराधीन हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन पर जबरन धन उगाही के भी आरोप हैं।

पुलिस सुरक्षा मिली
मध्य प्रदेश पुलिस के जवानों को गोल्डन बाबा की सुरक्षा में मुस्तैद किया गया है। गोल्डन बाबा किसी समय गांधीनगर में रहते थे। बाद वे हरिद्वार चले गए। कुछ दिनों बाद लौटे तो गांधीनगर में मंदिर बनवा दिया और धीरे-धीरे आश्रम का रूप देकर महंत बन बैठे।

पॉलिटिकल कनेक्शन
गोल्डन महाराज के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विरोधियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। दरअसल दिल्ली चुनाव के दौरान गोल्डन बाबा के साथ उनकी तस्वीर वायरल हो गई थी। इसी तरह कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी इनकी फोटो है। केजरीवाल की तरह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ भी गोल्डन बाबा की फोटो हैं।