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शाबाश भरत…शाबाश


नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। रक्तदान को महादान यूं नहीं कहा जाता। रक्त दुनिया की किसी भी फैक्ट्री में नहीं बनता। जरूरत पडऩे पर इंसान का रक्त ही इंसान की जान बचा सकता है। इसके लिए रक्तदान करने में तनिक भी संकोच नहीं करना चाहिए। इसी भावना के साथ श्री नामदेव छीपा युवा संगठन सिरोही के अध्यक्ष भरत दलपतराज चौहान ने हाल ही 16 वीं बार रक्तदान कर मानवसेवा का जज्बा दिखाया। इस बार उन्होंने एक गर्भवती की खातिर अपना रक्त देकर दोहरा पुण्य कमाया।
भरत के मन में रक्तदान के प्रति उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने वाट्सअप प्रोफाइल पर ब्लड डोनर लिख रखा है। आमतौर पर जब अस्पताल में रोगी को रक्त की जरूरत पड़ती है तब सगे-संबंधी ही पीछे हट जाते हैं। कोई बहाने बनाता है तो कोई पुरानी धारणाओं का हवाला देकर मना कर देता है। ऐसे में भरत खुलेतौर पर खुद को ब्लड डोनर बताने में पीछे नहीं हैं। होना भी यह चाहिए। विज्ञान कहता है कि साल में एक-दो बार रक्तदान करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। इससे दूसरों की जान बचने के साथ ही खुद हमारे शरीर को भी फायदा पहुंचता है।
बकौल भरत के शब्दों में…मौका दीजिए अपने खून को किसी की रगों में बहने का, ये लाजवाब तरीका है कई जिस्मों में जिंदा रहने का। भरत की इस सोच को सलाम।