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अगर आप भोपाल में रहती हैं तो सावधान!


शहर के 25 स्थानों को महिलाएं नहीं मानती सुरक्षित
भोपाल। शहर में महिलाओं को प्रोफेशनल ड्राइवर के रूप में कुशल बनाने में लगी समान संस्था द्वारा शहर के असुरक्षित स्थानों की पहचान के संदर्भ में अध्ययन रिपोर्ट जारी की गई। आजाद फाउण्डेशन नई दिल्ली एवं आशना महिला अधिकार केन्द्र भोपाल के सहयोग से संस्था द्वारा शहर के 13 क्षेत्रों की 22 बस्तियों में महिलाओं के साथ समूह चर्चा कर असुरक्षित स्थानों की पहचान की गई। 25 नंवबर से 16 दिसम्बर के बीच किए गए इस अध्ययन में महिलाओं ने शहर के 17 क्षेत्रों के 25 स्थानों को असुरक्षित माना।
महिलाओं द्वारा चिह्नित किए गए असुरक्षित स्थानों में युवतियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं ज्यादातर पाई गईं। इनमें से 24 प्रतिशत स्थान वहां स्थित शराब की दुकानों के कारण महिलाओं के लिए असुरक्षित बने हुए हैं, जबकि अन्य स्थानों पर कतिपय असामाजिक तत्व मोटरसाइकिल पर चक्कर लगाते हुए छेड़छाड़ करते हैं। संस्था द्वारा कहा गया कि इन स्थानों को महिलाओं ने अपने घटनाओं और अनुभवों के कारण चिन्हित किया है। अध्ययन के अंतर्गत पाए गए कुल 25 स्थानों को महिलाओं की संख्या एंव घटनाओं के आधार पर पांच रैंकों में बांटा है।

 

पहली रैंक में सबसे ज्यादा असुरक्षित स्थानों को रखा गया। इसके अंतर्गत एमवाय अस्पताल के गेट से लेकर शिवाजी वाटिका तक का रास्ता, पूर्वी रिंगरोड पर तीन इमली से नेमावर रोड़ वाला रास्ता, चिडिय़ा घर से केन्द्रित विद्यालय वाला रास्ता तथा रानी सती गेट से एम जी रोड़ को जोडने वाला शामिल है। इन स्थानों पर मोटरसाईकिल पर कुछ असमाजिक तत्व अकेली युवती को देखकर उसका रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं, उसका रेट पूछते हैं और कहते हैं, चलेगी क्या? इत्यादि कई प्रकार की हरकतें करते हैं। रिपोर्ट में इन स्थानों पर विशेष निगरानी रखने की अनुशंसा की गई है।

 
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्दौर शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने हेतु दो स्तर पर प्रयास करने होंगे, एक सामाजिक स्तर पर और दूसरा प्रशासनिक स्तर पर। सामाजिक स्तर पर महिलाओं को सचेत होने की जरूरत है तथा दुकानदारों, स्कूल व कोचिंग संचालकों द्वारा अपने संस्थान के गेट के बाद अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की अनुशंसा की गई है, साथ ही युवतियों को सेल्फ डिफेस का प्रशिक्षण दिए जाने का सुझाव भी रिपोर्ट में शामिल है। शहर के सुनसान इलाकों तथा शराब दुकान के आसपास पुलिस गश्त बढ़ाए जाने का सुझाव भी रिपोर्ट में दिया गया है।