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अब बिना डोनर के ही सरकारी अस्पतालों में मिल सकेगा ब्लड

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के लिए एक अनोखी पहल की है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और ब्लड बैंक प्रभारियों को एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि गंभीर मरीजो को तत्काल बिना डोनर के ही ब्लड उपलब्ध कराया जाय।

दुर्घटना में घायल लोग ब्लड न मिलने के कारण मौत के मुंह में समा जाते हैं। अब दुर्घटना में घायल लोगों को ब्लाड के अभाव में अपनी जान नहीं गवांनी पड़ेगी। क्योंकि अब घायलों या बीमारों के परिजनों से ब्लड लेकर उन्हें ब्लड नहीं दिया जाएगा। अब प्रदेश के जिला अस्पतालों में गंभीर दुघर्टना व बीमारियों के शिकार लोगों को उसके परिजनों से बिना ब्लड लिए तत्काल ब्लड चढ़ाया जाएगा।

अब सरकारी अस्पताल में आने वाले ऐसे मरीजों को जगह-जगह लगाए गए कैंप से एकत्र किया ब्लड दिया जाएगा। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और ब्लड बैंक प्रभारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। महानिदेशालय के निदेशक (उपचार) डा. बद्री विशाल ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि खासतौर से ऐसे मरीज जो रोड एक्सिडेंट में घायल, गर्भवती महिलाएं, एचआईवी मरीज व ब्लड की बीमारी हीमोफीलिया व थैलीसीमिया के मरीजों को ब्लड बैंक में उपलब्ध तुरन्त खून उपलब्ध कराएं।

इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना, लावारिस मरीज व बीपीएल कार्ड धारक मरीजों को भी इसी श्रेणी में रखा जाए। ऐसे मरीजों के परिजनों को ब्लड देने के लिए किसी भी सूरत में बाध्य न किया जाए। यदि वे स्वेच्छा से ब्लड देने को तैयार हों, उसी स्थिति में उनका ब्लड लिया जाए।

अभी तक ब्लड बैंक के प्रभारी गंभीर व साधारण बीमारी वाले सभी मरीजों को बिना डोनर के ब्लड उपलब्ध नहीं कराते थे। ब्लड बैंक प्रभारियों से यह भी कहा गया है कि वह सरकारी अस्पताल में आए मरीजों को तो प्राथमिकता के आधार पर ब्लड दें, जबकि निजी व चैरेटेबिल अस्पतालों को उसी स्थिति में ब्लड उपलब्ध कराएं, जब वे उतनी ही यूनिट के बराबर डोनर्स को लेकर आएं। डोनर्स का ब्लड लिए बिना उन्हें ब्लड बैंक से ब्लड न दें। इसके लिए सीएमएस की अनुमति जरूर लें।
सूबे के अस्पतालों में सालाना 09 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। इसके बदले में 15 फीसदी ब्ल्ड कैंप लगाकर लोगों से एकत्र किया जाता है। कैंप से लाए गए ब्ल्ड को एक जिले से दूसरे जिले में भी स्थानान्तरित किया सकता है।