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आरक्षण का पैमाना तय करने के गैर राजनीतिक कमेटी गठित हो


कोलकाता। आरक्षण की मांग को लेकर देश में आए दिन होने वाले आंदोलनो की जड में सामाजिक विषमता है। जब तक समाज का विभेद खत्म नहीं होगा तब तक आरक्षण की मांग उठती रहेगी। उपरोक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कही। चैंबर आफ कामर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में भाग लेते हुए मोहन भागवत ने आरक्षण संबंधी मापदंडो को तय करने के लिए एक ऐसी कमेटी  गठित करने की सलाह दी जो गैर राजनीतिक हो।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के किस वर्ग को कितने समय तक के लिए आरक्षण की आवश्यकता है इसके लिये एक स्पष्ट कार्यसूची तय की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि समाज में सभी को समान सुविधायें पाने का अधिकार है। किसी को जन्म के आधार पर अतिरिक्त सुविधायें दिया जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि डा. भीम राव अंबेडकर ने भी आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक विषमता से मुक्ति पर विशेष जोर दिया था।

उन्होंने कहा कि जब तक सामाजिक विषमता रहेगी, तब तक आरक्षण का मुद्दा भी रहेगा। इस दौरान संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत में हिन्दू कभी भी अल्पसंख्यक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि देश की 120 करोड आबादी में हिन्दुओं की संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जो लोग हिन्दू धर्म छोड कर अन्यत्र जा चुके हैं उनमे से कम से कम 50 प्रतिशत लोग फिर से हिन्दू धर्म में वापस लौट आयेंगे।