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आरक्षण के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर


चंडीगढ। जाटों को आरक्षण दिए जाने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर हुई है। सफीदों निवासी शक्ति सिंह ने याचिका में कहा है कि हरियाणा सरकार ने जाटों के दबाव में आरक्षण दिया है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग सुप्रीम कोर्ट में यह कह चुका है कि जाट पिछड़े नहीं हैं। वे सेना, शिक्षण संस्थानों और सरकारी सेवा में उच्च पदों पर हैं। ऐसे में उनको आरक्षण देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1992 में एक फैसले में कहा था कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता। प्रदेश सरकार ने 2014 में भी जाटों समेत 5 जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिया, जबकि केंद्र सरकार ने जाटों को आेबीसी सूची में शामिल किया था। शीर्ष कोर्ट में यह खारिज हो चुका है। अब भाजपा सरकार ने 6 जातियों (जाट, त्यागी, रोड़, बिश्नाेई, जट सिख, मुल्ला जाट) को नई कैटेगरी बीसी-सी में अधिकतम 10% आरक्षण दिया है। भिवानी के मुरारी लाल गुप्ता पहले ही हाईकोर्ट में चुनौती दे चुके हैं।