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नए आरबीआई गवर्नर के लिए तीन नाम रेस में सबसे आगे

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा गवर्नर पद का दूसरा कार्यकाल लेने से इंकार के बाद आरबीआई के नए गवर्नर पर अटकलें तेज हो गई हैं। तीन नाम इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्यस, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेप्युटी गवर्नर उर्जित पटेल का नाम शामिल है। इसके अलावा भी कई और नामों पर भी सरकार विचार कर रही है। गवर्नर पद के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्यस की दावेदारी सबसे बड़ी मानी जा रही है।

ऊधर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने रघुराम राजन के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार आरबीआई के अगले गर्वनर की घोषणा जल्द ही करेगी। रघुराम राजन कार्यकाल अच्छा रहा। जेटली ने ट्वीट कर कहा कि डॉक्टर रघुराम राजन ने अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में लौटने का फैसला ज़ाहिर किया है, सरकार उनके अच्छे काम की सराहना करती है और उनके निर्णय का सम्मान करती है। उनके उत्तराधिकारी पर निर्णय की घोषणा जल्द की जाएगी।

रघुराम ने शनिवार को सहयोगियों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस विषय पर सोचने और सरकार के साथ परामर्श के बाद यह फैसला किया है कि मैं गवर्नर पद का दूसरा कार्यकाल नहीं लूंगा और अध्ययन की दुनिया में लौट जाऊंगा। उन्होंने कहा कि वह जरूरत पड़ने पर अपने देश की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध होंगे।

53 वर्षिय राजन को पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने सितंबर 2013 में रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था। रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजन साल 1992 के बाद रिजर्व बैंक के ऐसे पहले गवर्नर होंगे, जिनका पांच साल से कम का कार्यकाल रहा है।

भाजपा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी पिछले कई दिनों से रघुराम राजन की नीतियों का विरोध कर रहे थे और उन्हे दूसरा कार्यकाल दिए जाने के खिलाफ थे। स्वामी ने रघुराम राजन को गैर-भारतीय बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें स्वामी ने रघुराम राजन को गवर्नर पद से हटाने के मांग की थी।
दूसरा कार्यकाल न लेने के रघुराम राजन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा, ‘यह अच्छा है। जो कारण मैंने राजन को पद से हटाने के बारे में दिए थे वह सभी सही हैं। उन्हें एहसास हो गया था कि दूसरा मौका नहीं मिलने वाला है। यही वजह है कि उन्होंने खुद ही बयान दे डाला।