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पत्थरबाजी का बदला लेने सन्तों का जत्था जाएगा कश्मीर

 

कानपुर। सामने से पत्थर बरस रहे हैं लेकिन डटे रहने की जिद, हाथ में एके 47 है मगर चला नहीं सकते। कश्मीर में भारतीय सेना के जवान इतने मजबूर हैं। इन्हीं सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए कानपुर से सन्तों का जत्था कश्मीर जाएगा और अपने साथ पत्थरों से भरा ट्रक भी ले जाएगा ताकि वहां के अराजक तत्वों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा सके।


यहां जन सेना के संस्थापक बालयोगी चैतन्य महाराज ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
मीडिया से बातचीत में चैतन्य महाराज ने बताया कि 7 मई को कानपुर से जन सेना के बैनरतले तकरीबन एक हजार संत कश्मीर रवाना होंगे। वे अपने साथ पत्थर भी लेकर जाएंगे ताकि सेना पर पत्थर बरसाने वालों को सबक सिखा सकें।


खास बात ये है कि इन संतों के साथ पत्थरों से भरा ट्रक भी जाएगा ताकि पत्थरबाजों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा सके।

उनका कहना है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों पर पत्थर बरसा रहे हैं, वे देशद्रोही हैं। ऐसे लोगों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए सन्तों ने पत्थरबाजों की सेना तैयार की है। उन्होंने इस मुहिम को युद्ध विजय यज्ञ नाम दिया है।

काफिला लेकर जाएंगे

युद्ध विजय यज्ञ में जाने के लिए 100 कारें और 3 बसें बुक की गई हैं।बाकी लोग ट्रेन से 14 मई को वहां पहुंचेंगे। उनके साथ पत्थरों से भरा ट्रक भी जाएगा। साथ ही वहां जाने वाले संतों को कानपुर में ही पत्थरबाजी की ट्रेनिंग दी जाएगी। चैतन्य महाराज ने कहा कि जरूरत पड़ी तो और भी सन्त भेजे जाएंगे।