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भारत चाहता तो खतरे में पड़ जाता पाकिस्तान का अस्तित्व -भैयाजी जोशी


मुंबई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि भारत चाहता तो पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरे में ला सकता था, पर भारत सहिष्णु राष्ट्र है। वह किसी के साथ अन्याय नहीं करता और न ही अन्याय होने देता है।

भारत पहले भी संपन्न राष्ट्र था और आज भी संपन्न है। इसके पहले भारत में राज करने आने वालों ने भारत को लूटा, मगर उसकी परंपरा को समाप्त नहीं कर पाए हैं।

भैयाजी जोशी बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी की ओर से इंडियन मर्चेंट चेंबर में आयोजित श्रीकांत जोशी व्याख्यान माला व मेक इन महाराष्ट्र पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मेक इन महाराष्ट्र पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में श्रीकांत जोशी के कार्यों का जिक्र किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह कार्यवाह जोशी ने कहा कि श्रीकांत जी ने जो अलख जगाई है, वह सदैव प्रज्ज्वलित होती रहेगी।

अपने संबोधन  में जोशी ने कहा कि भारत सहिष्णु राष्ट्र है। वह किसी का अहित नहीं चाहता है। अगर भारत चाहता तो पाकिस्तान का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता। भारत की एक मर्यादा है, वह अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं करता और अपनी परंपरा को जीवित रखने के लिए कोई कमी भी नहीं छोड़ता है।

भारत पहले भी संपन्न था और आज भी संपन्न है। यही वजह है कि भारत पर आक्रांताओं ने कई बार आक्रमण किए और इसे लूटा। यहां राज करने वालों ने भी इसे दोनों हाथों से लूटा है, मगर इसकी समृदिध को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाए।

जोशी ने कहा कि भारत का विकास तेजी के साथ हो रहा है और इस विकास कार्य में किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। भारत सुपर पॉवर राष्ट्र बने, इस अपेक्षा से पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत विश्व की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा, पर किसी को नुकसान पहुंचाकर नहीं।

जोशी ने कहा कि भारत में मानव जीव सुरक्षित है और आगे भी रहेगा। हम शक्तिशाली राष्ट्र बनकर विश्व को नया रास्ता दिखाएंगे।

जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की परोक्ष रूप से सराहना करते हुए कहा कि देश को समर्थ नेतृत्व मिला है। इस नेतृत्व में सबको साथ में लेकर चलने का मानस है।

प्रकृति के साथ तालमेल करते हुए लोगों को जितना चाहिए, उतना ही लेने का प्रयास करना चाहिए। लोगों को जितना चाहिए, उतना लेंगे। इस तरह की राक्षसी प्रवृत्ति और स्पर्धा से दूर रहना देश के विकास के लिए हितकर होगा।

लोग कहते हैं कि 2020 तक भारत सुपर पॉवर बनेगा। लेकिन हमारा मानना है कि भारत को सुपर पॉवर नहीं, सुपर राष्ट्र बनना है। हम सत्ता अपने हाथों में केंद्रित नहीं करना चाहते हैं, सभी शक्तिशाली हों, समर्थ हों और स्वस्थ्य हों, इतना ही हम चाहते हैं।