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ममता की ‘ममता’, ATM की कतार में मौत पर देंगी सरकारी नौकरी

कोलकाता। अब इसे ममता की ममता कहें या राजनीति कि राज्य में नोटबंदी के बाद बैंकों अथवा एटीएम की कतार में खड़े होने के दौरान दो लोगों की मौत के बाद उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दी जा रही है।

दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि राज्य में नोटबंदी के बाद पैसे निकालने के दौरान सात लोग मारे जा चुके हैं जबकि शुक्रवार को विधानसभा में उन्होंने सिर्फ दो लोगों का नाम लिया और उन दो लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान भी किया।

इनमें बर्दवान के कालना निवासी शिबु मांडी तथा कोलकाता के बेहाला इलाके के कल्लोल मजुमदार का नाम शामिल है। इनमें से शिबु मांडी ने पैसे नहीं मिलने की हताशा में आत्महत्या की थी।

दूसरी तरफ बेहाला के कल्लोल राय चौधुरी गत तीन दिसम्बर को कूचबिहार से लौटते समय बैंडेल स्टेशन से लगे एक एटीएम की लाईन में पैसे निकालने के लिए खड़े थे। इस दौरान वे अचानक अस्वस्थ होकर गिर गये। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

राज्य सरकार की तरफ से कल्लोल रायचौधुरी की पत्नी सीमा रायचौधुरी व शिबु मांडी के बेटे को नौकरी से संबंधित दस्तावेज सौंप दिये गये हैं। नौकरी मिलने पर कल्लोल रायचौधुरी की पत्नी सीमा रायचौधुरी ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जम कर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में जिस तरह मुख्यमंत्री ने उनकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाया वह उसे कभी नहीं भूलेंगी।